गावस्कर से लेकर विवियन रिचर्ड्स तक, इन खिलाड़ियों के बेटे क्रिकेट में नहीं कर पाए 'कमाल'

son of these cricketer were failed to make their good cricket career
गावस्कर से लेकर विवियन रिचर्ड्स तक, इन खिलाड़ियों के बेटे क्रिकेट में नहीं कर पाए 'कमाल'
गावस्कर से लेकर विवियन रिचर्ड्स तक, इन खिलाड़ियों के बेटे क्रिकेट में नहीं कर पाए 'कमाल'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जहां आज किसी और का जमाना चलता है, तो कल किसी और का दौर भी आएगा। ऐसे में इस खेल में सफल हो पाना बड़ा ही मुश्किल है। दुनिया में कई ऐसे खिलाड़ी आए, जो थोड़े टाइम बाद क्रिकेट से गायब ही हो गए। इंडियन क्रिकेट में कुछ ऐसे ही खिलाड़ी हैं। हाल ही में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर का सिलेक्शन मुंबई की अंडर-19 टीम में हुआ है। अब अर्जुन अपने करियर में कितने सफल होते हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। क्रिकेट में करियर बनाने के लिए अर्जुन के सामने कई बड़े चैलेंजेस हैं, जिनका सामना अर्जुन को करना ही पड़ेगा। उनमें से सबसे बड़ा चैलेंज उनका नाम ही है, क्योंकि नाम के पीछे तेंदुलकर लगा होना मतलब सचिन की तरह ही खेलना पड़ेगा। नहीं तो जनता अर्जुन को नकार देगी, साथ ही अर्जुन को अपने पिता सचिन के साथ तौला जाएगा, जो उनके करियर का सबसे बड़ा चैलेंज होगा। क्योंकि पहले भी ऐसा होता आया है। पहले भी जब किसी महान खिलाड़ी का बेटा क्रिकेट में अपना करियर बनाने आया तो शुरुआत से ही उसकी तुलना उसके पिता से कर दी गई, जिस वजह से वो उतना नाम ही नहीं कमा पाया, जो उनके पिता ने कमाया था। आज हम आपको कुछ ऐसे ही क्रिकेटर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें भी इस तरह के चैलेंज का सामना करना पड़ा। 

1. रोहन गावस्कर: 

सुनील गावस्कर का नाम तो सब जानते हैं, लेकिन रोहन गावस्कर को शायद ही कोई जानता हो। रोहन सुनील गावस्कर के बेटे हैं। रोहन जब इंटरनेशनल क्रिकेट में उतरे तो उनके ऊपर काफी प्रेशर था, क्योंकि उनके पिता सुनील टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। इसके साथ ही रोहन के नाम के पीछे भी गावस्कर लगा था, तो उनसे उम्मीदें भी उनके पिता की तरह ही थी। 2004 में रोहन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया। पहले ही मैच में रोहन ने गेंदबाजी करते हुए एंड्रयू साइमंड्स का कैच भी लपका। इसके बाद जिंबाब्वे के खिलाफ भी रोहन ने शानदार फिफ्टी जड़ी। रोहन के शुरुआती प्रदर्शन को देखकर लगा कि वो भी अपने पिता की तरह खेलेंगे, लेकिन अफसोस कि रोहन अपने इस फॉर्म को बरकरार नहीं रख पाए और सिर्फ 11 वनडे खेलकर ही रोहन का करियर खत्म हो गया। 

2. माली रिचर्ड्स: 

एक जमाना था जब इंटरनेशनल क्रिकेट पर सिर्फ वेस्टइंडीज का ही कब्जा था। उसका कारण था सर विवियन रिचर्ड्स का होना। विवियन रिचर्ड्स का नाम आज भी इंटरनेशन क्रिकेट में बड़ी रिस्पेक्ट के साथ लिया जाता है। लेकिन उनके बेटे माली रिचर्ड्स वो नाम कमाने में नाकाम रहे। माली रिचर्ड्स ने अपने क्रिकेट करियर में कई फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट खेले और शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन वेस्टइंडीज की इंटरनेशनल टीम में शामिल होने का मौका उन्हें नहीं मिला। 

3. रिचर्ड हटन: 

1938 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच खेला गया। इस मैच में इंग्लैंड की तरफ से एक खिलाड़ी ने 324 रनों की शानदार पारी खेली। ये पारी इंग्लैंड में आज भी याद की जाती है। इस पारी को खेलने वाले क्रिकेटर का नाम था, सर लेन हटन। लेन हटन इंग्लैंड के महान बल्लेबाजों में से एक है और अपने जमाने में उनके सामने अच्छे-अच्छे बॉलर घुटने टेक देते थे। लेकिन उनके बेटे रिचर्ड हटन में अपने पिता की तरह बात नहीं थी। रिचर्ड ने साल 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत की। लेन जहां बैटिंग किया करते थे, वहीं रिचर्ड को बॉलिंग में महारत हासिल थी। वो अपनी बॉलिंग से अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को आउट कर देते थे। लेकिन रिचर्ड अपने इंटरनेशनल करियर में सिर्फ 4 मैच ही खेल पाए। रिचर्ड ने अपना आखिरी मैच भारत के खिलाफ ही खेला था। 

4. क्रिस काउड्री: 

इंग्लैंड के महान खिलाड़ियों में शुमार कॉलिन काउड्री के बेटे क्रिस काउड्री को 1984 में इंग्लैंड टीम में शामिल किया गया। क्रिस ने अपना पहला मैच भारत के खिलाफ मुंबई में खेला और अपने पहले ही मैच के पहले ही ओवर में उन्होंने कपिल देव को आउट कर दिया। कपिल देव के रुप में बड़ा विकेट चटकने वाले क्रिस का करियर ज्यादा नहीं चल पाया। क्रिस का इंटरनेशनल करियर बहुत ही छोटा रहा और अपने करियर के दौरान उन्होंने सिर्फ 6 टेस्ट और 3 वनडे ही खेले। 

Created On :   20 Sep 2017 9:11 AM GMT

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