महादेव बेटिंग केस: महादेव बेटिंग का मास्टरमाइंड रवि उप्पल दुबई से हुआ 'गायब'! ED को लगा बड़ा झटका

दुबई/नई दिल्ली: महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाले के मुख्य आरोपी रवि उप्पल के दुबई से लापता होने की खबर सामने आई है। इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर दिसंबर 2023 में दुबई में गिरफ्तार किए गए उप्पल का दो साल बाद अब कोई सुराग नहीं मिल रहा है। भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की उम्मीद कर रही थीं, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह प्रक्रिया "स्थगित" कर दी गई है।
दुबई से 'अज्ञात' देश रवाना
खुफिया सूत्रों ने भारतीय एजेंसियों को जानकारी दी है कि रवि उप्पल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से किसी अज्ञात देश के लिए रवाना हो चुका है। उसकी वर्तमान लोकेशन या गंतव्य के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, UAE ने अनौपचारिक रूप से भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को ख़ारिज कर दिया है। बताया गया है कि आवश्यक दस्तावेज़ समय पर नहीं पहुँचे, हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस दावे को पूरी तरह खारिज किया है और कहा है कि सभी दस्तावेज़ समय पर जमा किए गए थे।
वानूआतू का पासपोर्ट बना ढाल
रवि उप्पल के पास साउथ पैसफिक द्वीप देश वानूआतू का पासपोर्ट है। यह देश भारत के साथ प्रत्यर्पण समझौते में शामिल नहीं है, जिससे रवि उप्पल का प्रत्यर्पण मुश्किल हो गया है। रवि उप्पल और उसके सहयोगी सौरभ चंद्राकर (जो फिलहाल दुबई में हाउस अरेस्ट पर है) दोनों ने वानूआतू की नागरिकता ली है। सौरभ चंद्राकर (जन्म: 13 जनवरी 1995, भिलाई) और रवि उप्पल (जन्म: 30 सितंबर 1980) ने वानूआतू में संपत्तियां खरीदी थीं।
- रवि उप्पल का पासपोर्ट: RV0168309, वैधता 2022–2032
- सौरभ चंद्राकर का पासपोर्ट: RV0165645, वैधता 2022–2032
वानूआतू क्या है?
यह दक्षिण प्रशांत क्षेत्र (मेलानेशिया) में स्थित एक 'Y' आकार का द्वीप समूह है। यहां आर्थिक योगदान के माध्यम से मानद नागरिकता प्राप्त की जा सकती है, जो नागरिकों को यूके, यूरोप और सिंगापुर सहित 125 देशों में वीजा-मुक्त पहुँच देती है।
घोटाले की शुरुआत और राजनीतिक असर
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने मिलकर 2018 में महादेव बेटिंग ऐप का कारोबार शुरू किया था। इस अवैध नेटवर्क के 3,200 से अधिक पैनल देशभर में सक्रिय थे और इसका संचालन दुबई, छत्तीसगढ़, मलेशिया और थाईलैंड से किया जाता था।
यह केस 2023 में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना जब छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ₹508 करोड़ लेने के आरोप लगे। हालांकि, बघेल ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताकर नकारा था।
महादेव बेटिंग ऐप घोटाला क्या है?
यह घोटाला 2018 में शुरू हुआ था। इसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी से रोज करोड़ों रुपये कमाए जा रहे थे। इस नेटवर्क के हजारों पैनल भारत और विदेशों में चलते थे। कहा जाता है कि आरोपियों के कई नेताओं और अधिकारियों से करीबी रिश्ते थे, जिससे जांच में दिक्कतें आईं।
इन पर केस दर्ज
EOW ने इनपर केस दर्ज किया है —
सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, भूपेश बघेल, नीतीश दीवान, अनिल अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, अनिल और सुनील दम्मानी, भीम सिंह यादव, हरि शंकर तिबरवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी और कई अज्ञात ब्यूरोक्रेट व अफसर।
ED के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उप्पल कहाँ छिपा है और क्या उसे वानूआतू या किसी तीसरे देश से वापस लाया जा सकता है। उप्पल की फरारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
अवैध सट्टेबाजी पर इन 10 राज्यों की सख्ती
ऑनलाइन सट्टेबाजी के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत के कई राज्यों ने इसे नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं:
- तमिलनाडु
- सिक्किम
- तेलंगाना
- नगालैंड
- कर्नाटक
- असम
- मध्य प्रदेश
- मेघालय
- ओडिशा
- छत्तीसगढ़
Created On :   4 Nov 2025 7:08 PM IST












