- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- कुन्ती बाई-रामकली के जीवन में...
म.प्र. में महिला सशक्तिकरण: कुन्ती बाई-रामकली के जीवन में खुशहाली, झोपड़ी से मिला छुटकारा

- एमपी की कुन्ती और रामकली की बदली जिंदगी
- पक्के मकान से आई खुशहाली
- बैगा जनजाति की महिलाओं को मिला परेशानियों से छुटकारा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सभी का सपना होता है कि उनके पास रहने के लिए घर हो। यह न केवल सपना है बल्कि मौलिक अधिकार भी है। लोगों को आश्रय देने के लिए प्रधानमंत्री जन-मन योजना एक अच्छा कदम साबित हो रही है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के 2 बैगा परिवार को इस योजना का लाभ मिला है। आपको बता दें कि बैगा, भारत के मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली जनजाति है। एमपी के मंडला, डिंडोरी और बालाघाट जिलों में बड़ी संख्या में बैगा जनजाति के लोग रहते हैं।
कुन्ती बाई के जीवन में खुशहाली
बैगा जनतति की कुन्ती बाई को प्रधानमंत्री जन-मन योजना का लाभ मिला है। इस योजना के चलते उनका पक्के घर में रहने का सपना साकार हो सका। सरकार द्वारा सभी पीवीटीजी परिवारों को कच्चे मकान से छुटकारा दिया जा रहा है। दरअसल, कुन्ती बाई अनूपपुर जिले में पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के जोहिला बांध में रहती हैं। वह विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (Particularly Vulnerable Tribal Groups- PVTG) में आती हैं।
रामकली की बदली जिंदगी
रामकली बैगा को भी पीएम जन-मन से कच्छे घर से मुक्ति मिल गई है। वह अपने परिवार के साथ पक्के घर में रहने लगी हैं। बैगा जनजाति की दोनों महिलाएं पहले झुग्गी में जीवन यापन कर रही थीं। उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन पक्का घर मिलते ही दोनों महिलाओं की ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार की जिंदगी बदल गई। यह योजना पीवीटीजी (बैगा) परिवारों को आश्रय देने के लिए बहुत अच्छा कदम साबित हो रही है। मालूम हो कि, इन बैगा परिवारों को पक्के मकान के अलावा सरकार की और भी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है।
Created On :   31 May 2025 4:00 PM IST