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मध्यप्रदेश: समय-समय पर पुलिस की कार्यशैली में अपग्रेडेशन जरुरी, स्टाफ ऑडिट प्रक्रिया में तेजी से काम करें-डीजीपी

डिजिटल डेस्क, भोपाल।पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने मंगलवार को भोपाल में प्रदेश के जाेनल आईजी, डीआईजी, एसपी और शाखा प्रमुखों के साथ प्रदेश की कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, स्टाफ प्रबंधन और प्रशासनिक सुधारों की समीक्षा की। मकवाणा ने कहा कि पुलिस संगठन की कार्यशैली में निरंतर सुधार एवं अपग्रेडेशन समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्टॉफ का रोटेशन समय पर करें। सभी इकाइयों में स्ट्रेस मैनेजमेंट, माइक्रो बीट सिस्टम लागू करें। इसस पुलिस कर्मियों के मानसिक संतुलन और कार्यक्षमता में सुधार हो सके। मानसिक रूप से स्वस्थ और संतुलित पुलिस बल बेहतर सेवा दे सकता है।
उन्होंने पुलिस अिधकारियों को कहा कि कानून-व्यवस्था केवल अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि पुलिस की जिम्मेदारी समाज में शांति, विश्वास और सुरक्षा का वातावरण बनाए रखना भी है। वीवीआईपी कार्यक्रमों के दौरान सतर्कता बरतने, संवेदनशील मामलों में तत्काल और कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। साइबर अपराध, नक्सल गतिविधियों और नशीले पदार्थों के नेटवर्क पर योजनाबद्ध और टारगेटेड रणनीति बनाकर कार्रवाई की जाए। नक्सल समस्या उन्मूलन पर की गई कार्यवाही की उन्होंने प्रशंसा की।
डीजीपी मकवाणा ने बताया कि पुलिस व्यवस्था को व्यवसायिक रूप से ओर दक्ष बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। स्टाफ ऑडिट की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने और फोर्स के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंहस्थ 2028 जैसे बड़े धार्मिक आयोजन की तैयारियों को अभी से शुरु करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अनुशासन, व्यवहारिक संतुलन और प्रोफेशनलिज्म पुलिस कार्य का आधार होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि थाना स्तर पर आम जनता से संवाद करते समय संयम, धैर्य और संवेदनशीलता प्रदर्शित करने के साथ ही त्वरित कार्यवाही की जाए। इसके माध्यम से पुलिस का मानवीय चेहरा समाज के सामने आएगा और नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा।
Created On :   8 Oct 2025 4:11 PM IST