कमलापुर कैम्प में एक और नवजात हाथी की मृत्यु

डिजिटल डेस्क, अहेरी (गड़चिरोली)। राज्य के एकमात्र गड़चिरोली जिले के सिरोंचा वनविभाग के तहत आने वाले कमलापुर स्थित हाथी कैम्प में एक नवजात हाथी की मृत्यु हो गई। घटना मंगलवार की सुबह उजागर हुई। इस घटना से जहां वनविभाग के अधिकारियों में खलबली मच गयी है, वहीं वन्यजीव प्रेमियों में खेद व्यक्त किया जा रहा है। मंगला नामक हथिनी की गत रविवार, 26 फरवरी को प्रसूति हुई थी। लेकिन मंगलवार की सुबह नवजात हाथी का शव जंगल परिसर से पाया गया है।
उल्लेखनीय है कि, कैम्प में मंगला हथिनी के ही आदित्य, सई और अर्जुन नामक हाथी की विभिन्न कारणों से मृत्यु हुई है। इस बार भी नवजात हाथी की मृत्यु होने से क्षेत्र के नागरिकों में असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ब्रिटिशकाल से कमलापुर परिसर में हाथी कैम्प मौजूद है। शुरुआती दिनों में यहां मौजूद हाथियों से सागौन के लट्ठे ढोने का कार्य किया जाता था लेकिन देश को आजादी मिलने के बाद यह हाथी कैम्प वनविभाग को हस्तांतरित किया गया। इसके बाद हाथियों से सागौन लट्ठों को ढोने का काम बंद करते हुए यहां हाथियों के लिए विशेष कैम्प बनाया गया। वर्तमान में यह कैम्प पर्यटन स्थल के रूप में परिचित है। इस कैम्प में 8 हाथी मौजूद होकर गत रविवार को मंगला नामक हथिनी ने एक हाथी को जन्म दिया।
मंगला की प्रसूति जंगल में हुई, जिसके कारण यहां कार्यरत कर्मचारियों को प्रसूति की जानकारी नहीं थी। लगातार दो दिनों तक मंगला कैम्प नहीं लौटने के कारण कर्मचारियों ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही वनविभाग की टीम ने जंगल परिसर में खोज अभियान चलाया। इसके बाद मंगलवार की सुबह मंगला हथिनी और उसका शिशु मृत अवस्था में पाया गया। मंगलवार की शाम पशुवैद्यकीय अधिकारियों की उपस्थिति में शव विच्छेदन का कार्य किया गया। कमलापुर का हाथी कैम्प पूरे देश में प्रसिद्ध है। लेकिन हाथियों की देखभाल करने के लिए यहां पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी नहीं होने से हाथियों की लगातार मृत्यु हो रही है। इस गंभीर समस्या का निवारण करने के लिए हाथी कैम्प में विशेषज्ञ कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग लगातार हो रही है।
Created On :   1 March 2023 4:32 PM IST