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बेघर हुए 60 हजार लोगों को छत दिलाने के लिए हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार मुंबई मनपा की तोड़क कार्रवाई के चलते बेघर हुए करीब 60 हजार लोगों के पुनर्वास के लिए दो भूखंड आवंटित करने पर विचार करे। इन लोगों के घर तानसा पाइपलाइन के किनारे बने थे। जिसे मनपा ने अदालत के निर्देश के तहत गिरा दिया है। इससे पहले न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ को बताया गया कि तनास पाइप लाइन के किनारे बने जिन लोगों के घरो को गिराया गया है उन्हें माहुल इलाके में घर दिया गया है पर 60 हजार लोग अभी भी पुनर्वास का इंतजार कर रहे है।
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तानसा पाइनलाइन के किनारे मनपा की तोड़क कार्रवाई के चलते हुए है बेघर
इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने अब तक मुंबई के विकास प्रारुप को अंतिम रुप नहीं दिया है। इसलिए सरकार मुंबई के मरोल व दिंडोशी इलाके में कैंसर अस्पताल व गृह निर्माण प्रोजेक्ट के आरक्षित भूखंड का आरक्षण बदलकर उन्हें बेघर लोगों के पुनर्वास के लिए आवंटित करने पर विचार करे। खंडपीठ ने कहा कि तोड़क कार्रवाई के चलते बेघर हुए लोगों की स्थिति गंभीर है। इसलिए सरकार इस पहलू पर गंभीरता से विचार करे। खंडपीठ ने कहा कि पाइपलाइन के किनारे बने झोपड़ो को गिरना जरुरी है ताकि बगैर किसी बांधा के लोगों तक पानी की आपूर्ति की जा सके। खंडपीठ ने भूखंड आवंटित करने के पहलू पर सरकार को 20 अप्रैल तक हलफनामा दायर करने को कहा है।
Created On :   26 March 2018 11:54 PM IST