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निलंबित पुलिस अधिकारी वाझे के भाई ने हाईकोर्ट में दायर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक लदी गाड़ी मिलने से जुड़े मामले में आरोपी निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए बांबे हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हेबियस कार्पस) याचिका दायर की गई है। याचिका में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई वाझे की गिरफ्तारी को अवैध बताया गया है। वाझे के भाई की ओर से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि वझे को इस मामले में राजनीति से जुड़े कुछ शक्तिशाली लोगों ने बली का बकरा बनाया है। इसके लिए इस प्रकरण से जुड़े मनसुख हिरेन की पत्नी विमला को माध्यम बनाया गया है।
हिरेन की स्कार्पियो गाड़ी पिछले माह संदिग्ध अवस्था में अंबानी के घर के बाहर खड़ी मिली थी। इसके कुछ दिनों बाद हिरेन का शव मुब्रा की खाड़ी में मिला था। याचिका में सचिन वाझे की गिरफ्तारी को नियमों के विपरीत बताया गया है और यह दावा किया गया है कि वाझे के जरिए एनआईए किसी और को निशाना बनाना चाहती है। क्योंकि एनआईए इस मामले में गलत इरादे से काम कर रही है। जिससे वझे की छवि को धूमिल किया जा सके। इसलिए सचिन वाझे को हाईकोर्ट में पेश किया जाए और उन्हें एनआईए की गिरफ्त से मुक्त किया जाए।
याचिका के अनुसार शुरुआत में हिरेन की पत्नी विमला ने आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के पास अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद हिरेन की पत्नी ने वाझे के संदर्भ में आधारहीन आरोप लगाए। हैरत की बात है कि हिरेन की पत्नी की ओर से लगाए गए आरोपों के तुरंत बाद एनआईए ने मामला दर्ज कर लिया। इस एफआईआर के बाद पूरी मीडिया व समाज सचिन वाझे को निशाना बनाने में जुट गया। एक तरह से सचिन वाझे को इस मामले में बली का बकरा बनाया जा रहा है। एनआईए ने वझे को 13 मार्च की रात को गिरफ्तार किया था। एनआईए की ओर से किए गए आवदेन के मद्देनजर विशेष अदालत ने सचिन वाझे को 25 मार्च 2021 तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।
Created On :   15 March 2021 7:32 PM IST