बाघ नियंत्रण के लिए बनेगी विशेषज्ञों की समिति

Committee of experts will be formed for tiger control
बाघ नियंत्रण के लिए बनेगी विशेषज्ञों की समिति
बाघ नियंत्रण के लिए बनेगी विशेषज्ञों की समिति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चंद्रपुर जिले में बाघों की संख्या नियंत्रित करने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनेगी। समिति की सिफारिश के आधार पर निर्णय लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य वन विभाग के उस प्रस्ताव को फिलहाल लंबित रखा है, जिसमें बाघों की नसबंदी का सुझाव दिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने साफ कहा है कि बाघों की संख्या नियंत्रण के लिए नसबंदी ही एकमात्र उपाय नहीं हो सकता है। उन्होंने वन क्षेत्रों में बाघ संरक्षण संबंधी अन्य अड़चनों को भी व्यापक उपाय योजनाओं के साथ दूर करने को कहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य वन्यजीव मंडल की बैठक की। वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक में 15 प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में वनमंत्री संजय राठोड़, वन राज्यमंत्री दत्तात्रय भरणे, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक वनबल प्रमुख रामबाबू, वन सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव नितीन काकोडकर व वनमंडल के सदस्य शामिल थे। 

हर जिले में टीटीसी
वन्यजीवों के उपचार के लिए राज्य में सभी जिले में उपचार केंद्र होंगे। नागपुर के टीटीसी अर्थात ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की तरह हर जिले में टीटीसी खोले जाएंगे। सभी केंद्रों में वन्यजीव बचाव व संरक्षण की आधुनिक सेवा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भारतीय वन्यजीव संस्था के सहयोग से चंद्रपुर जिले में वन्यजीव प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए राज्य सरकार ने निधि के अलावा अन्य सुविधाएं देने का निर्णय लिया है। वन्य जीव प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से वन क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार दिलाने पर जोर दिया जाएगा। मोगरकस वन्यजीव संरक्षण, महेंद्री, कान्हारगांव व तिल्हारी अभ्यारण्य के प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा गया है। लाेणार अभ्यारण्य के तहत बेडी बाबूर निकालने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। 

Created On :   8 Aug 2020 2:07 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story