मनरेगा के काम में लाखों का भ्रष्टाचार, मृतकों और बुजुर्गों के नाम पर निकाले बिल

corruption in MANREGA : bills drawn on the fake names in Dharni
मनरेगा के काम में लाखों का भ्रष्टाचार, मृतकों और बुजुर्गों के नाम पर निकाले बिल
मनरेगा के काम में लाखों का भ्रष्टाचार, मृतकों और बुजुर्गों के नाम पर निकाले बिल

डिजिटल डेस्क, धारणी। पश्चिम  मेलघाट अंतर्गत धूलघाट रेलवे वन परिक्षेत्र में मनरेगा के तहत टीसीएम के कार्यों में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में गुरुवार को उपविभागीय पुलिस अधिकारी विशाल नेहूल के आदेश पर वन विभाग अधिकारी दीपाली चव्हाण, कविता बेठेकर समेत नायब तहसीलदार प्रमोद सिंगडे, तत्कालीन सेवानिवृत्त तहसीलदार देवकर और वनविभाग के 4 कर्मियों समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इन अधिकारियों के खिलाफ धारा 67, 471, 34, 420, 409, 406, 468, 469 और 477 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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बताया जा रहा है कि स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ए.के. तायडे ने कुछ महीने पहले उपविभागीय पुलिस अधिकारी मेहुलकर से शिकायत की थी। उनका कहना था कि पंचायत समिति अंतर्गत आने वाले धुलघाट रेलवे वनपरिक्षेत्र और फणसकुंडी के गांवों में नालियां और गड्डे खोदने के नाम पर मजदूरों के फर्जी नाम दिखा 3 लाख 7 हजार रुपए निकाले गए हैं। यह काम वहां की आरएफओ दीपाली चव्हाण और कविता बेठेकर के कार्यक्षेत्र में हुआ।

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सूत्रों के अनुसार धुलघाट रेलवे वन परिक्षेत्र और फणसकुंडी सर्कल में कुल 24 से 25 गांव आते हैं और इन सभी गांवों में हुए मनरेगा के काम पर निकाले गए फर्जी बिल पर नजर डालें तो यह आंकड़ा करोड़ों में जा सकता है। उपविभागीय अधिकारी विशाल मेहुल ने इस मामले की पूरी जांच पड़ताल कर गुरुवार को पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की। जिसमें धारणी के थानेदार एल.आर. मोहनकुडे ने आरएफओ दीपाली चव्हाण, कविता बेठेकर, नायब तहसीलदार प्रमोद शिंगाडे समेत एएफओ ज्ञानदेव येवले, शरद भाकरे, आनंद चक्रे, देवकर व राजदीप गायकवाड़ के खिलाफ अपराध दर्ज कर 8 अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।

Created On :   26 April 2018 10:47 PM IST

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