Jabalpur News: 6 महीने से रेलवे अस्पताल में नहीं हैं बच्चों के डाॅक्टर

मरीजों को हो रही परेशानी, भटकना पड़ रहा

Jabalpur News: केन्द्रीय रेलवे अस्पताल में पिछले 6 महीने से बच्चों के डाॅक्टर न होने से मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है। बच्चों को लेकर रेलवे कर्मचारी भटकते रहते हैं। बच्चों की तबीयत ठीक न होने पर उन्हें फिर निजी अस्पताल में दिखाना पड़ रहा है। कई कर्मचारी तो सतना, सिंगरौली से जबलपुर आते हैं, ताकि बच्चों को ठीक से उपचार मिल सके।

रेलवे कर्मचारी जब जबलपुर आ जाते हैं तब उन्हें पता चलता है कि यहां तो कई महीने से डाॅक्टर ही नहीं हैं, मजबूरी में जो डाॅक्टर मिलते हैं उन्हें ही दिखाना पड़ता है। यही स्थिति दूसरे डाॅक्टरों की भी है। कर्मचारियों का आरोप है कि वे भी समय पर नहीं मिलते हैं। जिन डाॅक्टरों की ड्यूटी रहती है वे भी कुछ समय के लिए तो आते हैं इसके बाद गायब हो जाते हैं। कुल मिलाकर मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती है। जबलपुर के रेलवे अस्पताल में कोटा, भोपाल से लेकर पश्चिम मध्य रेल में जितना एरिया आता है, वहां के अधिकारी और कर्मचारी और उनके परिजन यहां उपचार कराने आते हैं।

यह राहत भी कि अब आना नहीं पड़ता

केन्द्रीय रेलवे अस्पताल में मरीजों के लिए एक राहत भरा काम भी शुरू हो गया है। इलाज अगर कहीं दूसरी जगह कराना है तो मरीजों को जबलपुर आना पड़ता था और यहां से रेफरल कार्ड बनता था, तब उपचार शुरू हो पाता था। अब पिछले 5 महीनों से यह व्यवस्था बना दी गई है कि मरीज के उपचार से जुड़े सारे कागज ऑनलाइन रेलवे अस्पताल पहुंच जाते हैं जिससे आने-जाने की झंझट से छुटकारा मिल गया है।

बच्चों के डाॅक्टर के साथ ही जो भी कमियां हैं उन्हें दूर किया जा रहा है। जल्द ही डाॅक्टरों की भर्ती होने वाली है जिससे मरीजों को राहत मिलेगी। वहीं अस्पताल में रेलवे कर्मचारियों और उनके परिजनों के लिए जो बेहतर हो सकता है, वह कार्य किए जा रहे हैं।

- डाॅ. अशोक कुमार, एमडी, केन्द्रीय रेलवे अस्पताल

Created On :   29 Sept 2025 5:00 PM IST

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