आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ एफआईआर

FIR against IPS officer Rashmi Shukla in Maharashtra phone tapping scam
आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ एफआईआर
महाराष्ट्र फोन टैपिंग घोटाला आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ एफआईआर

डिजिटल डेस्क, पुणे। पुणे पुलिस ने आईपीएस अधिकारी और पुणे की पूर्व पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला के खिलाफ पिछले साल के फोन टैपिंग कांड के सिलसिले में शनिवार को एफआईआर दर्ज की।

3 सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने बुंद गार्डन पुलिस स्टेशन को 1988 के आईपीएस अधिकारी शुक्ला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया, जो इस समय सीआरपीएफ में अतिरिक्त डीजीपी हैं।

साल 2020 में फोन-टैपिंग कांड होने के समय वह महाराष्ट्र खुफिया विभाग की अतिरिक्त डीजीपी के रूप में कार्यरत थीं और बाद में 3 सितंबर, 2020 को उन्हें उस पद से हटाकर सिविल डिफेंस प्रमुख बना दिया गया।

मार्च 2021 में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने फोन कॉल रिकॉर्ड और उन अधिकारियों के सबूत साझा किए, जो कथित तौर पर पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को तबादले या मनमाफिक पोस्टिंग के लिए प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे।

महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने कथित पुलिस ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले और कॉल डेटा लीक करने के लिए रश्मि शुक्ला द्वारा की गई अवैध फोन टैपिंग की जांच का आदेश दिया है।

तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम जे. कुंटे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में रश्मि शुक्ला पर अपनी बात से आगे बढ़ने का आरोप लगाया गया।

जब सामने लाया गया तो रश्मि शुक्ला ने न केवल अपनी गलती स्वीकार की, बल्कि व्यक्तिगत और पारिवारिक मुद्दों, जैसे कैंसर पीड़ित अपने पति की मौत और बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी समस्याओं वगैरह का हवाला देते हुए अपने कृत्यों के लिए माफी मांगी।

कुंटे ने ठाकरे को सौंपी रिपोर्ट में कहा है, वह (रश्मि शुक्ला) सीएम, गृह मंत्री (अनिल देशमुख) और मुझसे मिली थीं और इस मामले पर खेद व्यक्त किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट वापस लेने की अनुमति भी मांगी थी। चूंकि वह एक महिला अधिकारी थीं, जिन्हें दर्दनाक व्यक्तिगत समस्याओं का सामना करना पड़ा था और उन्होंने स्वीकार किया था कि उनकी गलती पर सहानुभूति दिखाते हुए मामले को आगे नहीं बढ़ाया गया।

25 अगस्त, 2020 की रश्मि शुक्ला की टॉप सीक्रेट रिपोर्ट ने पुलिस प्रमोशन-ट्रांसफर रैकेट में कथित भ्रष्टाचार में देशमुख सहित कई प्रमुख हस्तियों को धिक्कारा था और इसे सार्वजनिक डोमेन में लीक कर दिया था।

कुंटे की रिपोर्ट के बाद राज्य सीआईडी की एक शिकायत के आधार पर मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन ने 26 मार्च, 2021 को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत विभिन्न धाराएं लागू करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी।

(आईएएनएस)

Created On :   26 Feb 2022 2:30 PM GMT

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