सरकार खत्म करना चाहती है स्टाम्प वेंडर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्टाम्प वेंडरों की मिल रही शिकायतों को देखते हुए सरकार धीरे-धीरे स्टाम्प वेंडरों को खत्म करना चाहती है। शासकीय व प्रशासकीय कामकाज में लगने वाले स्टाम्प पेपर की जगह ई-चालान को पूरी तरह लागू करने पर जोर है। वैसे भी सरकार ने स्टाम्प वेंडरों से 1000-2000 के स्टाम्प निकालकर इसके लिए ई-चालान शुरू कर दिया है। स्टाम्प वेंडरों को केवल 100 व 500 रुपए के ही स्टाम्प पेपर बेचने के लिए दिए जा रहे हैं।
मिलती हैं कालाबाजारी की शिकायतें
स्टाम्प वेंडरों के पास 10, 20, 50, 100, 500, 1000 व 2000 रुपए के स्टाम्प पेपर पास मिलते थे। सरकार ने 10, 20 व 50 रुपए का स्टाम्प पेपर बंद कर दिया। 1000 व 2000 रुपए के स्टाम्प पेपर वेंडरों को देना बंद कर दिया। अब इसकी जगह ई-चालान सिस्टम लागू हो गया है। स्टाम्प की किल्लत व स्टाम्प वेंडरों द्वारा कालाबाजारी करने की शिकायतें अक्सर शासन-प्रशासन तक पहुंचती रहती हैं। मार्च महीने में पूरा महीना स्टाम्प की किल्लत बनी रही। स्टाम्प की कालाबाजारी की भी खबरें आती हैं। इससे सरकार की छवि खराब होती है।
वर्ष 2010 के बाद से नए वेंडर नहीं
सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने का काम 2010 से ही शुरू कर दिया। 2010 के बाद से नए वेंडर बनाने का काम बंद कर दिया गया है। अब किसी को भी स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस जारी नहीं होता। जो वेंडर हैं, उन्हें हर तीन साल में अपने लाइसेंस का नवीनीकरण करना पड़ता है।
मृत्यु होने पर लाइसेंस खत्म
पहले स्टाम्प वेंडर की मृत्यु होने पर उसके परिवार के सदस्य के नाम पर लाइसेंस होता था। इस तरह स्टाम्प पेपर का काम चलते रहता था। अब स्टाम्प वेंडर की मृत्यु होने पर लाइसेंस खत्म हो जाता है। नागपुर ग्रामीण में 37 व शहर में 48 स्टाम्प वेंडर हैं। धीरे-धीरे यह भी कम हो जाएंगे।
ई-चालान के फायदे
ई-चालान ऑनलाइन होने से इसकी किल्लत का सवाल ही नहीं है। इसी तरह स्टाम्प के लिए भटकने व कालाबाजारी की समस्या से निजात मिल जाएगी। रजिस्ट्री के लिए ई-चालान ही जरूरी हो गया है। शासन व प्रशासन स्तर पर ई-चालान ही होता है। प्रशासकीय कार्यालयों में भी स्टाम्प की जगह ई-चालान शुरू हो गया है।
Created On :   3 April 2023 1:23 PM IST