नोटबंदी और जीएसटी ने घटाई खादी की बिक्री, 50 प्रतिशत तक आई कमी

Impact of demonetisation and GST on sell of Khadi clothes in Nagpur
नोटबंदी और जीएसटी ने घटाई खादी की बिक्री, 50 प्रतिशत तक आई कमी
नोटबंदी और जीएसटी ने घटाई खादी की बिक्री, 50 प्रतिशत तक आई कमी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत में बने खादी के कपड़े विदेश तक पहुंच रहे हैं, लेकिन अपने ही देश में इसे प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। इसका उदाहरण इस बात से देख सकते हैं कि आग्याराम देवी चौक स्थित खादी ग्रामोद्योग में 4 हजार जैकेट पिछले 2 वर्ष से पड़े हुए हैं, जो आज तक नहीं बिके हैं। कहा जा रहा है कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। 

50 प्रतिशत कमी आई

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर ‘खादी का एक रूमाल खरीदो’ के आह्वान पर खादी की बिक्री बढ़ी थी। उस समय नागपुर में 4000 नेहरू जैकेट्स के ऑर्डर दिए गए थे। वे जैकेट आज भी पड़े हुए हैं, बिकने का नाम हीं नहीं ले रहे हैं। प्रधानमंत्री की अपील के बाद खादी के उत्पादों में भारी बिक्री देखी गई थी। बाद में नोटबंदी और जीएसटी के कारण करीब 50 प्रतिशत बिक्री में कमी आ गई। खादी व्यवसाय से जुड़े लोगों का मानना है कि नोटबंदी की मार के बाद अतिरिक्त भार आने से खादी की बिक्री पर विपरीत असर पड़ा है। खादी ग्रामोद्योग के सहसचिव ने कहा कि वैसे ही खादी मंहगी है। लोगों का इससे जुड़ाव हो रहा था, लेकिन अब वे मुंह मोड़ रहे हैं। बुनकरों पर इसका सीधा असर पड़ा है। खरीदार भी घट गए हैं।

खूब बिके थे कपड़े

संजय बेहरे, सहसचिव, महाराष्ट्र खादी ग्रामोद्योग मध्यवर्ती संघ ने बताया कि एक समय 2014 में ये हाल था कि दो महीनों में हजारों जैकेट बिके थे। जब भारी मांग देखकर जैकेट तैयार करवाए गए, तो वे आज तक नहीं बिके हैं। 15 अगस्त के दौरान भी खादी में गिरावट का रुझान रहा है। अब 2 अक्टूबर पर ही बिक्री डिपेंड है।

आजादी के बाद पहली बार खादी पर जीएसटी

आजादी के बाद पहली बार खादी पर जीएसटी के रूप में टैक्स लगा है। इससे बुनकर और खादी पहनने वाले परेशान हैं। बुनकरों को न तो कच्चा माल मिल पा रहा है और न ही उनके कपड़े बाहर जा रहे हैं। बुनकरों और दुकानदारों का दावा है कि जीएसटी लगने से 50 प्रतिशत खादी कारोबार प्रभावित हुआ है। जीएसटी लागू होने के बाद खादी की दुकानों में ग्राहक पहुंच तो रहे हैं, लेकिन दाम सुनते ही बैरंग वापस चले जाते हैं। दुकानदारों का कहना है कि सरकार अगर कोई कदम नहीं उठाती है, तो खादी वस्त्रों की बिक्री पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

Created On :   1 Oct 2018 5:44 PM GMT

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