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महाराष्ट्र: स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं , आनलाइन शिक्षा की तैयारी कर रही सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई । प्रदेश के प्रगतिशील राज्यों में शामिल महाराष्ट्र के 3400 स्कूलों में बिजली नहीं है। जबकि दुर्गम इलाकों में स्थित जिन आश्रम स्कूलो में बिजली कनेक्शन है, वहां भी सात से आठघंटे बिजली गायब रहती हैं। ऐसे में कोरोना के प्रकोप के बीच सरकार के ई-स्कूल की परिकल्पना अंधेरे में डूबता दिखाई दे रहा है। स्कूलो में सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने में आ रही मुश्किल को देखते हुए राज्य सरकार ने ऑनलाइन स्कूल शुरु करने की तैयारी की है। राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग के अंतर्गत कक्षा पहली से आठवीं तक की एक लाख 6 हजार 237 स्कूल हैं। इसमें से 3400 स्कूलो में बिजली नहीं है। यह स्कूल गडचिरोली, नंदुरबार, चंद्रपुर, जैसे दुर्गम व पालघर तथा ठाणे के दूरदराज के इलाको में स्थित हैं।
राज्य सरकार जिला परिषद के स्कूलों में अत्याधुनिक शिक्षा नीति को लागू करना चाहती हैं लेकिन जिला परिषद के42 हजार से अधिक प्राथमिक स्कूलों में कम्प्यूटर नहीं है। इसी तरह पांच हजार 600 माध्यमिक स्कूलों में भी कंप्यूटर का अभाव है।संघर्ष वाहिनी संगठन के प्रमुख मुकुंद आड़ेवार पूछते हैं कि ऐसे में सरकार कैसे ऑन लाइन स्कूल चलाएगी? बिजली का बिल न भरे जाने के कारण दुर्गम इलाकों में स्थित स्कुलों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। स्कूलो में जब बिजली की परेशानी है तो इंटरनेट व दूसरी चीजों का क्या। आडेवार के मुताबिक दुर्गम इलाको में किताबें भी समय पर नहीं पहुंच पाती है। गरीबी के चलते दुर्गम इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए मोबाइल व कंप्यूटर खरीद पाना बेहद कठीन हैं। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।