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जेल में बंद युवक ने चिट्ठी लिखकर लगाई मदद की गुहार, कहा ज्यादा दिन रहा तो मर जाऊंगा

डिजिटल डेस्क, सतना। जेल में ना तो खाना मिलता है ना दवाई होती है, ज्यादा दिन मैं रहा तो मर जाऊंगा। यह करूण पुकार छत्तीसगढ़ की जगदलपुर जेल में बंद भदनपुर निवासी अमित जायसवाल ने चोरी छिपे लिखे खत में पिता से की है। लगभग तीन वर्ष पूर्व उसे जगदलपुर की नागा नगर पुलिस ने पिकअप वाहन में ढाई क्विंटल गांजा के साथ गिरफ्तार किया था, तभी से सलाखों के पीछे है। उसका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है। डॉक्टरों की सलाह के बावजूद जेल प्रशासन उसे बाहर भेजने को तैयार नहीं है। तमाम परेशानियों से जूझ रहे युवक ने किसी तरह चिट्ठी में अपना दर्द बयां कर परिजन तक पहुंचाने में सफलता हासिल कर ली, जिसके बाद पिता मुन्नीलाल जायसवाल उससे मिलने के लिए शुक्रवार शाम को ही जगदलपुर रवाना हो गए।
क्या है मामला
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में अमित ने शराब-गांजा तस्कर अनूप जायसवाल उर्फ जस्सा की पोंडी स्थित देशी शराब दुकान में काम शुरू किया था। ठीक 2 महीने बाद कुछ सामान लाने के बहाने जस्सा उसे अपने साथ छत्तीसगढ़ ले गया, जहां पिकअप वाहन में ढाई क्विंटल गांजा लोड करवाकर 14 अगस्त 2015 को चालक के साथ अमित को भी सतना रवाना कर दिया। लेकिन जगदलपुर के नागा नगर थाने की पुलिस ने छापा मारकर गाड़ी समेत युवक को पकड़ लिया। जबकि चालक व जस्सा भाग निकले, तभी से वह जेल में बंद है।
जमानत की हर कोशिश नाकाम
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार उसकी कोई मदद नहीं कर पा रहा। जेल में रहते-रहते उसकी तबियत खराब रहने लगी, जिस पर प्रबंधन ने जेल में ही डॉक्टर से उपचार कराने के अलावा जिला अस्पताल में भी दिखवाया जहां से बाहर ले जाने के लिए कहा गया पर जेलर ने मना कर दिया। चि_ी में अमित ने लिखा कि जेलर से बड़ा अधिकारी यहां तक कह रहा था कि लोग यहीं मर जाते हंै। उधर गांजा की मात्रा अधिक होने के चलते न्यायालय उसकी जमानत भी मंजूर नहीं कर रहा है।
Created On :   10 Jun 2018 5:53 PM IST