जंगल में साधन कम साधना बहुत ज्यादा: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

Means less sadhana in the jungle too much: Pandit Dhirendra Krishna Shastri
जंगल में साधन कम साधना बहुत ज्यादा: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
पवई /सलेहा जंगल में साधन कम साधना बहुत ज्यादा: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री



डिजिटल डेस्क पवई /सलेहा नि.प्र.। पन्ना के दूरस्थ ग्रामीण अंचल कल्दा श्यामगिरी पठार में अंतरराष्ट्रीय कथावाचक एवं  संत  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की श्री बनवासी रामकथा प्रारंभ करते कुएं कहा जंगल में साधन भले ही बहुत कम है पर साधना बहुत ज्यादा है। आदिवासियों का भगवान से अटूट प्रेम है यही कारण है कि भगवान राज महल में पैदा हुए लेकिन उनके कल्याण के लिए जंगल आए भगवान राम जब जंगल आए तो उन्होंने भीलनी शबरी का घर पूछा था हमारा सौभाग्य है कि हम उनके वंशज आदिवासी भाइयों के बीच आए है। भगवान राम आदिवासियों का मान सम्मान बढ़ाने जंगल आए थे वरना वह भगवान होते हुए कुछ भी कर सकते थे घर बैठे रावण को मार सकते थे लेकिन आदिवासी वनवासियों के कल्याण के लिए वन आए इसलिए उन्होंने कहा कि मर जाना पर राम जी को नहीं छोडऩा।  

विशाल जनसमुदाय के बीच कथा कहते हुए कहा कि मूल धारा से वंचित लोगों को अध्यात्म से जोडऩे और आदिवासियों को समाज में समानता का माहौल देने के उद्देश्य मैंने आदिवासी कल्दा श्यामगिरी में आया हु और उनके कल्याण के लिए कथा प्रारंभ की है मैं प्रत्येक माह वनवासी क्षेत्रों में 3 दिन की कथा अवश्य कहूंगा जिससे हमारे समाज के वंचित वर्ग के लोग हम सब से मिल सके   इससे पूर्व 11 ग्राम पंचायतों  11 परिवारों को यजमान बनाया गया और उन्होंने ही भगवान राम की आरती उतारी क्षेत्रीय पवई विधायक प्रहलाद लोधी एवं गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी ने वनवासियों के साथ मिलकर बनवासी राम जी और रामायण की पूजा कर आरती उतारीमहाराज जी ने कहा कि अंग्रेजी में वन मतलब एक होता है आत्मा और परमात्मा एक है यही कारण है कि रामचंद्र जी वन आए रामचंद्र जी एक है।

आत्मा और परमात्मा का मिलन हैमहाराज जी ने कहा कि जीवन में कुछ नहीं बिगड़ा है सभी आदिवासियों से अनुरोध किया कि कभी किसी चीज को मत मारना और उसका मांस नहीं खानामहाराज श्री ने कहा कि मेरा उद्देश्य लोगों को सनातन संस्कृति से जोडऩा और अध्यात्म के प्रति लगाव पैदा जंगल में अध्यात्म की गंगा बहाना हैहवाई जहाज और फाच्र्यूनर गाडिय़ो में चलने से धर्म नहीं बचेगा जंगल की ओर अवश्य रुख करना पड़ेगा।

वनवासियों को मिला पहला अधिकार
कल्दा श्याम गिरी पठार का अब तक का सबसे बड़ा भव्य आयोजन राम कथा का प्रारंभ करते हुए संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आदिवासियों को पहला अधिकार दिया कथा पंडाल को वीआईपी कल्चर से मुक्त करते हुए सभी आदिवासियों को डी के प्रथम भाग में बैठने की व्यवस्था की गई थी।वनवासियों को ही इस डी में प्रवेश की अनुमति थी श्री रामभक्त और उनके अन्यय भक्त कथा पंडाल में पीछे बैठकर कथा सुन रहे हैं और प्रतिदिन के लिए इसी तरह की व्यवस्था लागू की गई है।
निशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं भंडारा
जिला प्रशासन के सहयोग से निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है। सुबह से ही संयोग डॉक्टर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं जिनकी तबीयत खराब है या दवा की आवश्यकता है इसके लिए व्यवस्था की गई है इसी तरह महाराजश्री के अनुरोध पर चित्रकूट के श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट ने 3 दिन का निशुल्क आई कैंप लगाया है वही बागेश्वर धाम समिति की ओर से निशुल्क विशाल भंडारा आयोजित किया गया है। कथा सुनने वाले प्रत्येक भक्तों एवं आदिवासियों को भंडारा मैं निशुल्क प्रसाद कराया जा रहा है और जब तक कथा चलेगी स्वास्थ्य शिविर और भंडारा अनवरत जारी रहेगा इस पूरी कथा का खर्च महाराज जी स्वयं वहन कर रहे हैं।
आज लगेगा चमत्कारिक  दिव्यदरबार
 15 अक्टूबर को  सुबह 10 बजे से कल्दा श्यामगिरी पठार के कथा स्थल में दिव्य दरबार लगेगा जिसमें बालाजी की प्रेरणा के अनुसार भक्तों की अर्जियां लगाएंगे यह दिव्य दरबार ०1 बजे तक चलेगा।

Created On :   15 Oct 2022 2:34 PM IST

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