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18 कर्मियों के बयान में सामने आई गलतियां और खामियां

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती जिला मध्यवर्ती जेल की दीवार फांदकर 27 जून की रात भागे तीन कैदियों का घटना के 7 दिन बाद भी पता नहीं चला। मामले में जांच पूरी हो गई है और घटना की वजह कुछ मानवीय और कुछ तकनीकी गलतियां होने की बात सामने आई हंै। कारागृह उपमहानिरीक्षक स्वाति साठे ने मामले की जांच चंद्रपुर के जेल अधीक्षक वैभव आगे को सौंपी थी। आगे ने घटना की रात कारागृह मेंं कार्यरत कुल 18 कर्मचारियोंं के बयान दर्ज किए हैं। रविवार को दोपहर जांच पूर्ण कर वह चंद्रपुर रवाना हो गए। अब जल्द ही वह रिपोर्ट कारागृह उपमहानिरीक्षक को सौंपेंगे। इसके बाद राज्य में सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली अमरावती मध्यवर्ती जेल से कैदियों के भागने की घटना के लिए जिम्मेदारों का पता चल जाएगा।
जांच अधिकारी वैभव आगे ने सोमवार को दैनिक भास्कर को बताया कि जेल कैदियोंं के भागने के मामले की जांच काफी गोपनीय तरीके से की गई। जांच के दौरान उन्हें क्या नजर आया। इसका फिलहाल में खुलासा नहीं करेंंगे। किंतु बातचीत के दौरान उन्होंने यह संकेत दिए कि तीन कैदियों के भागने में कुछ गलतियां मानवीय और कुछ गलतियां तकनीकी होने की बात सामने आई हैं। उन्होंने तीन दिन अमरावती में रहकर कैदियों के भागने की घटना को सभी पहलुओं से टटोला। जांच पूर्ण हुई यह फिलहाल कहना गलत है क्योंकि जिन 18 कर्मियों के बयान हुए उससे िनष्कर्ष निकालकर जांच रिपोर्ट तैयार कर वरिष्ठों को सौंपेगे। उल्लेखनीय है कि राज्य की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली अमरावती की जेल से तीन कैदियों के भागने से जेल की आंतरिक सुरक्षा को लेकर प्रश्न खड़ा हो गया है। पिछले सप्ताह 27 जून की रात 1.30 बजे जेल की मजबूत दीवार फांदकर वरूड़ तहसील के शेंदुरजना घाट थाना क्षेत्र के तहत बालापेठ गांव का निवासी रोशन गंगाराम उईके (23) और इसी गांव का निवासी सुमित शिवरामजी धुर्वे (19) तथा तीसरा कैदी रत्नागिरी जिले के नायसी गांव का निवासी साहिल अजमत कालसेकर फरार हो गए थे जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
Created On :   5 July 2022 5:16 PM IST