मुस्लिम परिवारों को भी रहता है दीपावली का इंतजार, दिया-बाती का व्यापार कर कमाते हैं मुनाफा

Muslim families also wait for Deepawali, earn profits by trading diyas and wicks
मुस्लिम परिवारों को भी रहता है दीपावली का इंतजार, दिया-बाती का व्यापार कर कमाते हैं मुनाफा
बिहार मुस्लिम परिवारों को भी रहता है दीपावली का इंतजार, दिया-बाती का व्यापार कर कमाते हैं मुनाफा

डिजिटल डेस्क,पटना।  इस साल रोशनी और खु्शियों का त्यौहार दिवाली 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। लोग अपने-अपने घरों की साफ -सफाई में जुट हुए हैं। दिवाली की रौनक अभी से ही बाजारों में दिखने लगी है।दिवाली के मौके पर बाजार में विभिन्न तरह की चीजें बिक्री के लिए उपलब्ध रहती है, जैसे दीप , रंगोली , लक्ष्मी माता की मूर्ति आदि। इसी तरह दीप जलाने के लिए रूई की बाती भी बाजार में मिलती है। बिहार में कटिहार के रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग दिवाली के अवसर पर रूई की बाती बना कर बेंचने का काम कर रहे हैं। दिवाली कटिहार के मुस्लिम समुदाय के लोगो के लिए रोजगार के साथ अच्छी आय भी लेकर आती है। 

दिवाली का रहता है खास इंतजार 

नवभारत टाईम्स के मुताबिक, दिवाली आते ही मुस्लिम समुदाय के करीब 100 परिवार बिहार के कटिहार में रूई की बाती बनाने का काम शुरू कर देते हैं। साल भर ये लोग इस पर्व के इंतजार में रहते हैं। वैसे तो ये लोग बाती बनाने का काम पूरे साल करते है, लेकिन दिवाली के मौके पर रूई से बनी बातीयों की मांग अन्य दिनों के मुकाबले काफी अधिक बढ़ जाती है, इसलिए ये लोग बाती बनाने का काम अधिक संख्या में करतें हैं। मांग बढ़ जाने से ये लोग अपने परिवार के सदस्यो को भी बाती बनाने के काम में शामिल कर लेते हैं। बाती बनाने वाले मोहम्मद फारूक ने बताया कि हम लोग एक दिन में 12 से 15 दर्जन पैकेट बाती बनाते है। बाती के एक पैकेट की कीमत 5 से 10 रूपये होती है। दिवाली के अवसर पर सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा कमाई होती है। इसी कारण से इन लोगो की आमदनी भी बढ़ जाती है। 

बिहार समेत अन्य राज्यों में भी बातीयों की सप्लाई होती है

दीपावली के अवसर पर रूई की बातीयों की मांग अधिक होने से इन्हें बेचने पर अच्छे रेट मिल जाते है। इसलिए मुस्लिम लोग अधिक मात्रा में बाती बना कर पड़ोसी राज्य बंगाल में भी सप्लाई करते है। दूसरे राज्य में बातीयों की सप्लाई करने से इन लोगों को ज्यादा आय प्राप्त होती है। बाती बनाने वाले लोगों का कहना है कि अगर सरकार की ओर से हमें मदद मिले तो इस काम को हम लोग बड़े पैमाने पर करने को तैयार है। 

Created On :   13 Oct 2022 6:06 PM GMT

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