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नेशनल लोक अदालत 10 जुलाई को जलकर, संपत्तिकर तथा विद्युत बिलों पर दी जाएगी छूट!
डिजिटल डेस्क | बैतूल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के दिशा-निर्देशानुसार इस वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत 10 जुलाई 2021 को जिला मुख्यालय बैतूल एवं तहसील न्यायालय- मुलताई/भैंसदेही/आमला में आयोजित की जा रही है। जिसके अंतर्गत राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई, जिसमें न्यायालयों में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के अधिक से अधिक संख्या में निराकरण हेतु चर्चा की गई। बैठक में प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अफसर जावेद खान, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब श्री राजीव कुमार कर्महे, श्री राकेश मोहन, प्रधान विशेष न्यायाधीश/प्रभारी नेशनल लोक अदालत एवं जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आदेश कुमार मालवीय ने भाग लिया।
उक्त लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय बैतूल एवं तहसील स्तर मुलताई, भैंसदेही एवं आमला पर लगभग 24 खण्डपीठों का गठन किया गया है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण होने पर कोर्ट फीस की पूर्ण वापसी हो जाती है, न्यायालय प्रकिया में लगने वाले समय एवं धन की बचत तथा आपसी कटुता का अंत हो जाता है। उक्त नेशनल लोक अदालत में चैक अनादरण के मामले, बैंक / ऋण वसूली के मामले, श्रम विवाद के मामले, बिजली एवं पानी बिल के राजीनामा योग्य विवाद के मामले, भरण-पोषण के मामले, अन्य (आपराधिक राजीनामा योग्य, वैवाहिक एवं अन्य सिविल विवाद), न्यायालयों में लंबित प्रकरण- आपराधिक राजीनामा योग्य, चैक अनादरण के मामलें, बैंक / ऋण वसूली के मामले, मोटरयान दुर्घटना के दावे, श्रम विवाद के मामले, बिजली एवं पानी बिल के राजीनामा योग्य विवाद के मामले, वैवाहिक विवाद (विवाह विच्छेद को छोडक़र) भूमि अधिग्रहण के मामले, सेवा संबंधी प्रकरण वेतन, भत्ते एवं सेवानिवृत्ति लाभ के अंतर्गत, राजस्व मामले (केवल जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण) अन्य सिविल प्रकरण (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा, विनिर्दिष्ट अनुतोष्ज्ञ के मामले आदि) के प्रीलिटिगेशन एवं न्यायालय में लंबित प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा जाएगा। उपरोक्त श्रेणी के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से इस नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य कुल 3097 प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा जा रहा है।
प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के अंतर्गत नगरपालिका/नगरपरिषद्, विद्युत विभाग, बी.एस.एन.एल. और बैंकों के वसूली संबंधी प्रकरणों को भी निराकरण हेतु रखा जा रहा है। उक्त विभागों के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन द्वारा इन विभागों के माध्यम से निम्नानुसार छूट दी जा रही है- विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों के निराकरण पर निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट दी जा रही है- प्रीलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छ: माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट की जावेगी।
प्रीलिटिगेशन स्तर पर- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छ:माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट की जावेगी। आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकिलत सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा, उपभोक्ता/उपभोक्ताकर्ता की विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा, आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा, नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जावेगी।
Created On :   10 July 2021 3:00 PM IST