धर्मांतरण के आरोपों और चर्च पर हमलों से नाराजगी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा मोर्चा और सकल हिंदू समाज के मोर्चे के बाद अब ईसाई समुदाय सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है। 12 अप्रैल को मुंबई में ‘समस्त क्रिस्ती समाज’ अपनी मांगों को लेकर मोर्चा निकालेंगे। द बांबे कैथोलिक सभा समेत 80 संगठनों से जुड़े लोग इसमें शामिल होंगे। पूर्व नगरसेवक निकोलस अल्मेडा ने कहा कि ईसाई समुदाय पर देश भर में हमले हो रहे हैं। इसके अलावा धर्म परिवर्तन का आरोप लगा कर कुछ नेता और संगठन हमें बदनाम कर रहे हैं। सड़क पर उतरने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं हैं। वकील सिरिल दारा ने कहा कि हाल ही में मुंबई में ईसाई समाज के कब्रिस्तान में तोड़फोड़ हुई थी। सांगली में एक फादर ने किसी के सिर पर हाथ रखा तो उसे मुद्दा बना दिया गया। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुणे में भी ईसाई समुदाय के लोगों पर धर्मांतरण का आरोप लगाया गया। हमारे खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है जबकि धर्मांतरण के मुद्दे पर किसी को अदालतों ने दोषी नहीं करार दिया है।
हमें इजाजत क्यों नहीं
अल्मेडा ने बताया कि हम भायखला से जेजे फ्लाइओवर होते हुए आजाद मैदान तक मोर्चा निकालेंगे। लेकिन, प्रशासन हमें सीधे आजाद मैदान पहुचंने को कह रहा है। अन्य संगठनों को मोर्चे की इजाजत दी गई तो हमें क्यों रोका जा रहा है। अल्मेडा ने कहा कि हम दबाव में नहीं झुकेंगे। हजारों लोग भायखला में रानी बाग के सामने जुटेंगे और पैदल आजाद मैदान तक जाएंगे।
कानूनी कार्रवाई करें
उन्होंने कहा कि जो धर्मांतरण करते हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। झूठे आरोप लगा कर बदनाम नहीं करना चाहिए। हमें अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है। अगर कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो क्या हम उसे भगा दें। उन्होंने कहा कि पहली बार ईसाई और रोमन कैथलिक समुदाय के लोग एक साथ मोर्चा निकालेंगे।
Created On :   7 April 2023 7:47 PM IST