सूरजागढ़ खदान से निकल रहे ओवरलोड ट्रक ,कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति 

Overload trucks coming out of Surajgarh mine, in the name of action
सूरजागढ़ खदान से निकल रहे ओवरलोड ट्रक ,कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति 
साठगांठ सूरजागढ़ खदान से निकल रहे ओवरलोड ट्रक ,कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति 

डिजिटल डेस्क, गोंडपिपरी । गड़चिरोली जिले के सुरजागड़ लोह खदान से लोहा बनाने के लिए आवश्यक कच्चे खनिज का उत्खनन कर आलापल्ली से बल्लारपुर 120 किमी के अंतर पर रोज करीब 200 ओवरलोड वाहन दौड़ रहे हैं, लेकिन इस ओर चंद्रपुर महामार्ग पुलिस तथा प्रादेशिक परिवहन अधिकारी इस ओर जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं। इस कारण ओवरलोड यातायात की कार्रवाई सिर्फ कागजों पर नजर आ रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरजागड़ के लोह खनिज खदान से गौण खनिज का उत्खनन कर आलापल्ली में डम्पिंग किया जा रहा है। डम्पिंग किया गया भारी पत्थर सैंकड़ों वाहनों के माध्यम से यातायात कर बल्लारपुर के साइडिंग पर भंडारण किया जाता है और उसके बाद रेलवे के माध्यम से कारखाने में भेजा जा रहा है। आलापल्ली से बल्लारपुर इस मार्ग पर रोज करीब 200 से अधिक वाहन नियमों को दरकिनार कर दिन-रात चल रहे हैं। वाहन में क्षमता से अधिक माल भरकर परिवहन किया जा रहा है। रफ्तार से दौड़नेवाले ट्रकों पर त्रिपाल न ढंकते हुए खुले में यातायात किया जा रहा है। हवा के कारण खनिज के कण व धूल उड़कर पीछे से चलने वाले वाहनों पर उड़ते हैं। इससे नुकसान भी हो रहा है। कई बार मामूली दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। गोंडपिपरी तहसील के भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में किसी भी जगह वाहन खड़े रहते हैं। जिससे यातायात जाम हो जाता है। 

इस कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही है। इस ओर प्रादेशिक परिवहन विभाग अनदेखी कर रहा है। अब तक इन वाहनों की जांच, उसमें क्षमता से अधिक माल का वजन व वाहनों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने संबंधी कोई कार्रवाई करने या सुनने में नहीं आई है।जानकारी के अनुसार सुरजागड़ लोह प्रकल्प का काम त्रिवेणी कंपनी को मिला है। कंपनी द्वारा सुरजागड से कच्चे लोह का यातायात आलापल्ली के साइडिंग पर किया जाता है। उसके बाद वह माल चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर, पडोली, घुग्घुस, मूल (राजोली), वर्धा जिले के वाघोली, नागपुर जिले के उमरेड व भंडारा के रेलवे साइडिंग पर 
जाता है। 

ट्रान्सपोर्टिंग के लिए प्रति टन अलग-अलग दर निश्चित किए गए हैं। रोज सैंकड़ों ट्रकों का यातायात होता है। कुछ ट्रान्सपोर्ट कंपनी द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, लेकिन संबंधित विभाग इस ओर अनदेखी कर रहा है। राजनेताओं की भी लिप्तता: बताया जाता है कि, लोह खनिज यातायात में अनेक राजनीतिक नेताओं की बड़े-बड़े ट्रांसपोर्ट धारकों से साठगांठ है। इस कारण प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, पुलिस यंत्रणा इस ओर ध्यान नहीं देते और ना ही कार्रवाई होती है, ऐसी चर्चा है। वरिष्ठ स्तर पर साठगांठ होने के चलते स्थानीय स्तर पर ध्यान नहीं दिया जाता। एक ओर छोटे वाहनों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन इस विषय पर जानबूझकर चुप्पी साधने की बात कही जा रही है।
 

Created On :   9 July 2022 7:18 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story