अंतरराज्यीय पुल के निर्माण का विरोध, आंदोलन

Protest against the construction of interstate bridge, movement
अंतरराज्यीय पुल के निर्माण का विरोध, आंदोलन
गड़चिरोली अंतरराज्यीय पुल के निर्माण का विरोध, आंदोलन

डिजिटल डेस्क, भामरागढ़ (गड़चिरोली)। तहसील के छत्तीसगढ़ राज्य से सटे कवंडे गांव की इंद्रावती नदी पर जिला प्रशासन द्वारा आरंभ किए गए पुल निर्माणकार्य के विरोध में अब आदिवासियों का रोष बढ़ने लगा है। परिसर के दर्जनों गांवों के आदिवासियों के साथ छग राज्य के नागरिकों ने पुल निर्माणकार्य के विरोध में इंद्रावती नदी तट पर ठिया आंदोलन शुरू कर दिया है। पुल निर्माणकार्य से जल, जंगल और जमीन नष्ट होने का खतरा जताकर आदिवासियों ने पुल निर्माणकार्य के बजाय क्षेत्र में सड़क, पानी, शिक्षा समेत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग प्रशासन से की है। पुल निर्माणकार्य के विरोध में शुक्रवार को हजारों की संख्या में अादिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन अब तक इस संदर्भ में जिला प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। पुल का निर्माणकार्य होगा तो यातायात संसाधनों में वद्धि होगी। यातायात संसाधनों से ही विकास के द्वार खुलते हैं। यदि ऐसा हुआ तो नक्सलियों का आधार क्षेत्र खत्म होगा।  इसी संभावना को देखते हुए आदिवासियों के इस आंदोलन के पीछे नक्सलियों की साजिश की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।

बता दें कि, भामरागढ़ तहसील छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटा हुआ है। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा पर ही इंद्रावती नदी है। इस नदी पर जिला प्रशासन ने पुल निर्माणकार्य आरंभ कर यातायात संसाधनाें को मजबूत करने का प्रयास शुरू किया है, लेकिन आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि, पुल का निर्माणकार्य पूर्ण होते ही क्षेत्र में अवैध तरीके से विभिन्न प्रकार के खनिज का उत्खनन शुरू होगा। जिससे आदिवासियों की जल, जंगल और जमीन नष्ट होगी। विकास करना ही है तो पहले आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग नागरिकों ने की है। तहसील के नेलगुंड़ा, कवंडे, पारायनार, मिड़दापल्ली समेत अन्य गांवों के नागरिक इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर ही आदिवासियों के लिए श्रद्धास्थान के रूप में परिचित भुंगराज देवस्थान है। पुल निर्माणकार्य के बाद इस देवस्थान पर भी खतरा मंडराने लगेगा। इसी डर से आदिवासियों ने पुल निर्माणकार्य का विरोध किया है। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को हजारों की संख्या में आदिवासियों ने एकजुटता दिखाते हुए पुल निर्माणकार्य का विरोध जताया। यह आंदोलन निरंतर रूप से जारी रखने का निर्धार भी आदिवासी ग्रामीणों ने लिया है। 

Created On :   14 Jan 2023 6:31 PM IST

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