बाबा साहब पर संचारक के रुप में  शोध होना चाहिए : कुलपति प्रो केजी सुरेश

Research should be done on Babasaheb as a communicator: Vice Chancellor Prof. KG Suresh
बाबा साहब पर संचारक के रुप में  शोध होना चाहिए : कुलपति प्रो केजी सुरेश
मध्यप्रदेश बाबा साहब पर संचारक के रुप में  शोध होना चाहिए : कुलपति प्रो केजी सुरेश
हाईलाइट
  • पत्रकारिता विश्वविद्यालय में"बाबा साहब और युवा" पर व्याख्यान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में एससी एसटी सेल की ओर से भारत रत्न डॉ अंबेडकर की 132 वीं जयंती पर विशेष व्याख्यान "बाबा साहब और युवा" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में युवा लेखक एवं विचारक डॉ गुरूप्रकाश पासवान उपस्थित हुए । 
विवि के कुलपति प्रो डॉ केजी सुरेश ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि डॉ अंबेडकर का व्यक्तित्व समावेशी था। उनके साथ बचपन में बहुत भेदभाव हुआ था, लेकिन उनके अंदर कभी भेदभाव नहीं रहा। प्रो सुरेश ने कहा कि उन्हें एक संचारक के रूप में समझने की जरूरत है। उन पर संचारक के तौर पर शोध होना चाहिए।

बहुविचारवादी चिंतक थे डॉ भीम  राव आंबेडकर : डॉ गुरु प्रकाश पासवान

लेखक विचारक एवं मुख्य अतिथि डॉ पासवान ने संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब अंबेडकर पर अपने विचार रखे। पासवान ने अपने संबोधन में बाबा साहब को बहुविचारवादी चिंतक बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने हर वर्ग की अच्छाई के बारे में सोचा और उनके हित के लिए कार्य किया। उन्होंने बाबा साहब को अर्थशास्त्र , मानव शास्त्र, समाज शास्त्र, अंतरराष्ट्रीय राजनीति जैसे विषयों के जानकार के साथ ही प्रगतिवादी चिंतक और विचारक बताया। 

कार्यक्रम में एससी एसटी सेल के सहसंयोजक एवं मध्यप्रदेश अजाक्स के विभागीय अध्यक्ष ज्ञानेश्वर ढोके, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो डॉ अविनाश वाजपेई, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अरुण कुमार खोबरे ने किया।

Created On :   2 May 2023 2:01 PM GMT

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