किसानों के नुकसान का पंचनामा न होने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने सरकार को घेरा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के चलते किसानों को हुए नुकसान का समय पर पंचनामा, उचित मुआवजे की मांग को लेकर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया। सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता अजित पवार ने यह मुद्दा उठाया और प्रश्नोत्तर की जगह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया। पवार ने कहा कि सात दिनों से सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिसके चलते किसानों को हुए नुकसान का पंचमाना नहीं हो पा रहा है। ओलावृष्टि से फसलों और फल बागानों को भारी नुकसान हुआ है। किसान तबाह हो गए हैं। ऐसे में किसानों के लिए तत्काल मुआवजे का ऐलान कर उन्हें निधि वितरित की जानी चाहिए।
पवार ने कहा कि ओलावृष्टि से 8 किसानों की मौत हुई है, जानवरों की भी मौत हुई है। किसान परेशान में हैं और सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं, ऐसे में सत्ताधारियों से सामंजस्य से काम करने की उम्मीद थी। सत्ताधारी दल के विधायक संजय गायकवाड कहते हैं कि 75 फीसदी कर्मचारी हराम की कमाई खाते हैं। इस तरीके से सभी सरकारी कर्मचारियों को एक ही तराजू में तौला जाएगा तो काम कैसे होगा?जयंत पाटील, बालासाहेब थोरात आदि सदस्यों ने भी यह मुद्दा उठाया। जवाब में राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि हमने अधिकारियों से एक सर्वेक्षण करने को कहा है। हम सुनिश्चित करेंगे कि क्षति आकलन रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा और अधिकारी इस पर हस्ताक्षर करेंगे। जब हमें उन किसानों का विवरण मिल जाएगा जिनकी फसलें नष्ट हुई है,तो हम उन्हें कुछ सहायता देंगे। बहरहाल, पवार और विपक्ष के अन्य विधायकों ने सरकार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।
समय बिता रही सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने विधान भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार टाइमपास कर रही है। किसानों के पंचनामे नहीं हो रहे हैं और उन्हें राहत राशि नहीं मिल रही है। सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से पंचनामे नहीं हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को किसानों के बैंक खातों में नकदी रकम जमा करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के वक्त प्राकृतिक आपदा आई थी, उस वक्त तत्काल 10 हजार रुपए की नकद राशि दी गई थी। इसके बाद पंचनामे करते हुए बड़ा राहत पैकेज दिया गया था।
सीढ़ियों पर प्रदर्शन
सोमवार को महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने प्याज और अंगूर की टोकरी लेकर विधानभवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। विधायक आम, काजू प्याज, कपास को उचित भाव देने की मांग कर रहे थे। वे ओला प्रभावित किसानों को मुआवजा देने, नहीं तो कुर्सी खाली करने जैसे नारे लगा रहे थे। विधायकों का नेतृत्व अजित पवार और अंबादास दानवे ने किया।
Created On :   21 March 2023 11:48 AM IST












