एकता रंग लाई, अभाविप की शानदार जीत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मशहूर कहावत है कि एकता में शक्ति होती है। अगर विभाजित होकर युद्ध लड़ा जाए तो हार निश्चित है। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की सीनेट की 10 स्नातक सीटों के चुनाव में इसका उदाहरण देखने को मिला। बुधवार शाम तक आरक्षित प्रवर्ग की 5 सीटों के नतीजे जारी हुए, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने आरक्षित प्रवर्ग की सभी सीटों पर जीत हासिल की। जानकारी के अनुसार, अभाविप के प्रथमेश फुलेकर (अनुसूचित जाति), सुनील फुडके, दिनेश शेराम (अनुसूचित जनजाति), वामन तुर्के (विमुक्त जाति), रोशनी खेलकर (महिला ) विजयी हुए हैं।
स्नातक आरक्षित प्रवर्ग सीट पर जीतने वाले उम्मीदवारों में से एक को व्यवस्थापन परिषद पर भेजा जाता है। इस बार यह सीट विमुक्त जाति के लिए आरक्षित होने के कारण अभाविप के वामन तुर्के व्यवस्थापन परिषद पर चुने गए हैं। गौरतलब है कि मंगलवार सुबह 10 बजे से मतगणना जारी है, लेकिन प्राथमिकता आधारित मतदान होने के कारण गिनती में समय लग रहा है। 51 उम्मीदवार मैदान में हैं। हर राउंड में सबसे कम मत पाने वाले को बाहर किया जाता है। इसी कारण से मतगणना में काफी समय लग रहा है। बुधवार सुबह 5 बजे आरक्षित प्रवर्ग के नतीजे आए, तो खुले प्रवर्ग की मतगणना देर रात भी जारी रही।
युवा ग्रेजुएट फोरम का दिखा असर
पिछले सीनेट चुनाव में आश्चर्यजनक रूप से बहुजनवादी संगठन सीनेट परिवर्तन पैनल के 2 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। इसके बाद संगठन ने कई दिनों तक एकजुट होकर कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। लेकिन इस बार जब चुनाव नजदीक आया, तो संगठन में फूट साफ नजर आई। परिवर्तन पैनल से अतुल खोब्रागडे ने अलग होकर युवा ग्रेजुएट फोरम बना कर सभी सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए। ऐसे में संगठन के मत विभाजित हुए। परिवर्तन पैनल खाता नहीं खोल पाया। वहीं, युवा ग्रेजुएट फोरम का एक उम्मीदवार आगे चल रहा है।
महाविकास आघाड़ी पर सवाल
गौरतलब है कि इस चुनाव में महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों ने एकजुट होकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। संगठन का नेतृत्व विधायक एड.अभिजित वंजारी और ओबीसी नेता डॉ.बबनराव तायवाडे कर रहे थे। विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक सीट पर महाविकास आघाड़ी को मिली जीत से यह माना जा रहा था कि सीनेट चुनाव में भी यह जादू कायम रहेगा। लेकिन अभाविप ने दर्शा दिया कि विश्वविद्यालय के सरताज वही हैं। ऐसे में महाविकास आघाड़ी स्नातकों को क्यों प्रभावित नहीं कर पाई, यह सवाल उठ रहा है।
बाजपेयी या हनवते?
महाविकास आघाड़ी के एकमात्र उम्मीदवार एड.मनमोहन बाजपेयी कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। एड.बाजपेयी वरिष्ठ सीनेट सदस्य हैं। कई वर्षों से सदन में विवि से जुड़े बड़े मामले उठा रहे हैं। लेकिन इस चुनाव में उनकी राह आसान नहीं लग रही। उनमें और युवा ग्रेजुएट फोरम के राहुल हनवते में कांटे की टक्कर है। दोनों में जीत किसकी होगी, इस पर सबका ध्यान लगा हुआ है।
Created On :   23 March 2023 9:59 AM IST











