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पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की दिशा में सरकार ने क्या कदम उठाए-कोर्ट

डिजिटल डेस्क,मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि उसने ऐसे मनोरोगियों के लिए पुनर्वास केंद्र बनाने की दिशा में कौन से कदम उठाए है जिन्हें अस्पताल में नहीं रखा जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया था कि वह मनोरोगियों के रहने के लिए पुनर्वास केंद्र बनाएगी। इसलिए सरकार हमे बताए कि उसने इस विषय को लेकर क्या कदम उठाए है। हाईकोर्ट में मानसिक बीमारी से ठीक हुए विनोद तांबे की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। तांबे का ठाणे के मेंटल अस्पताल में में इलाज हो चुका। डाक्टरों की राय है कि अब तांबे को अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत नहीं है। तांबे अब उपचार के लिए नियमित अंतराल में ओपीडी में आ सकते है। किंतु तांबे के परिवार की माली हालत इतनी अच्छी नहीं है कि वह उन्हें अपने साथ घर में रख सके। तांबे की बहन ने भी कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वह खुद दूसरों के घर में काम करके अपना गुजारा करती है। न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसवी मोडक की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान खंडपीठ को बताया गया कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वसन दिया है कि वह मनोरोगियों के रहने के लिए पुनर्वास केंद्र बनाएगी। इस पर खंडपीठ ने सरकार को दो सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा।
Created On :   27 July 2022 7:06 PM IST