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सुरक्षा खतरों के बावजूद डिजिटल सहायकों का संवर्धन जारी
डिजिटल सहायकों या वर्चुअलल सहायक कंप्यूटर प्रोग्राम हैं, जिसे उपयोगकर्ताओं को प्रश्नों के जवाब देने और बुनियादी कार्य जैसे कैलेंडर मेनटेन करने, उन्हें मौसम के बारे में अपडेट करने व कहानियां पढ़ने व रेसपी बताने के लिए डिजाइन किया गया है। डिजिटल सहायक या वर्चुअल सहायक अब आवाज सक्षम हैं।
बीते सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका स्थित क्लाउड सर्विसेज प्रदाता लाइमलाइट नेटवर्क की एक रिपोर्ट स्टेट ऑफ डिजिटल लाइफस्टाइल्स में कहा गया कि 68 फीसदी भारतीय पहले ही डिजिटल सहायक-सक्षम उपकरणों को पसंद करते हैं। वैश्विक तौर पर ऑनलाइन उपभोक्ताओं में से आधे लोग अब डिजिटल वायस सहायकों का इस्तेमाल करते हैं।
पहला आधुनिक डिजिटल वर्चुअल सहायक एक स्मार्टफन सिरी में लगाया गया था, जिसे 2011 में आईफोन 4एस में पेश किया गया।
एपल के बाद दूसरी तकनीकी दिग्गज कंपनियां- जैसे गूगल, माइकोसॉफ्ट व अमेजन ने भी अपने नई पीढ़ी के स्मार्ट डिवाइसेज को शक्ति देने के लिए सहायक लांच किए। इसमें क्रमश: गूगल असिस्टेंट, कोरटाना व एलेक्सा, कोरटाना शामिल है।
मार्केट रिसर्च कंपनी गार्टनर के अनुसार, कन्वर्सेशनल प्लेटफार्म-वीएएस व चैटबोट- के बाजार में दुनिया भर के 1000 से ज्यादा विक्रेता शामिल हैं।
आज लाइट को स्विच ऑन कर देने जैसे सरल कार्य कार्य के लिए हम अपने संबंधित डिजिटल सहायकों पर निर्भर है और सुरक्षा जोखिमों के बारे में पता होने के बावजूद काम किया जाता है, जिसमें वे हमें डाल सकते हैं।
हाल की फॉरेस्टर की रिपोर्ट सिक्योर द राइज ऑफ इंटेलिजेंट एजेंट्स में दावा किया गया है कि अमेजन का वर्चुअल सहायक एलेक्सा वर्तमान में उन लोगों को प्रमाणित या अधिकृत नहीं करती है जो इसे एक्सेस करते हैं, यह कंपनी की एलेक्सा कौशल को असुरक्षित छोड़ देती है, जो किसी अन्य उपयोगकर्ता के कमांड को याद रख सकता है।
--आईएएनएस
Created On :   7 Aug 2019 12:00 PM GMT