नंबर 1 की दीवानगी, ऑटो रिक्शा चलाने वाले ने खर्च किए लाखों

नंबर 1 की दीवानगी, ऑटो रिक्शा चलाने वाले ने खर्च किए लाखों

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-23 04:16 GMT
नंबर 1 की दीवानगी, ऑटो रिक्शा चलाने वाले ने खर्च किए लाखों

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपने रंक से राजा हो जाने की कई कहानियां सुनीं होंगी, कुछ कहानियों ने आपको प्रेरित भी किया होगा। ऐसी ही एक कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं। ये कहानी है जयपुर के राहुल तनेजा की। राहुल उन लोगों में शामिल हैं जो अपनी कारों के लिए मनचाहे नंबर पाने के लिए भारी भरकम रकम खर्च करते हैं। राहुल तनेजा हाल ही में तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने अपनी कार की नंबर प्लेट के लिए 16 लाख रुपये खर्च किए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अपने पसंद के नंबर के लिए अबतक कुल 40 लाख रुपये खर्च किए हैं। 7 साल पहले ये शख्स एक ऑटो रिक्शा चलाता था। लेकिन मेहनत और लगन ने सबकुछ बदल  दिया।

 

 

राहुल का कहना है की ‘1’ उनके लिए लकी नंबर है और उन्होंने अपनी चार कारों के के लिए मनचाहे नंबर्स पाने के लिए अच्छे पैसे खर्च किए हैं। जयपुर RTO ने कन्फर्म किया की ये वहां एक स्पेशल नंबर पाने के लिए खर्च किये गए अब तक की सबसे बड़ी धनराशी है। राहुल ने अपनी नयी Jaguar XJ के लिए ‘RJ 45 CG 0001’ नंबर लिया। उनकी पहली लग्जरी कार BMW 5-Series उन्होंने 2011 में ली थी और उसके लिए स्पेशल नम्बर लेने के लिए उन्होंने 10.5 लाख रुपये चुकाए थे। बाद में उन्होंने अपनी पत्नी के लिए सेकंड-हैण्ड Skoda Laura खरीदी जिसपर पहले से ही 0001 नंबर था। उसके बाद उन्होंने BMW 7-Series खरीदी। यहां तक की राहुल के मोबाइल नम्बर में भी 7 बार ‘1’ आता है।

 

 

 

राहुल का कहना है की उनके हर काम में नम्बर 1 बनने की चाह के चलते इस नम्बर से उन्हें लगाव है। उन्होंने अपना घर 11 साल की उम्र में छोड़ दिया था और जीने-खाने के लिए कई तरह के काम किये। Rrahul का कहना है की पहले उन्होंने पतंग, राखी और बाकी त्यौहार की चीजें बेचकर शुरुआत की। बाद में उन्होंने ऑटो-रिक्शा चलाना भी शुरू किया। राहुल एक ऐसे घर में रहते थे जिसके मालिक के पास ऑटो-रिक्शा थी।

 

चूंकि उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं हुआ करता था, इसलिए वो 9 बजे के बाद रिक्शा चलाया करते थे। उन्होंने एक दोस्त के जिद करने के बाद मॉडलिंग में हाथ आजमाया और उन्हें तब उनका पहला ब्रेक मिला, और उसके बाद उन्होंने जयपुर में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोली। राहुल सिर्फ प्रीमियम क्लाइंट्स से काम लेते हैं और उनकी कंपनी प्रीमियम शादियां भी आयोजित करती है। एक मनचाहे कार नंबर के लिए 40 लाख रुपये खर्च करना फिजूलखर्ची भी कही जा सकती है, लेकिन अगर ये नंबर उन्हें और और आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देता है तो शायद ये सही कदम ही है।

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