Budget-2018 : मनमोहन ने शुरू किया था 'सर्विस टैक्स', जानें इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

Budget-2018 : मनमोहन ने शुरू किया था 'सर्विस टैक्स', जानें इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-27 09:31 GMT
Budget-2018 : मनमोहन ने शुरू किया था 'सर्विस टैक्स', जानें इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत का जनरल बजट 1 फरवरी को फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली पेश करेंगे। भारत में बजट का इतिहास तो बहुत पुराना है और पहली बार 1860 में बजट पेश किया गया था। भारत का पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी ने पेश किया था। आजाद भारत का बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। तब से लेकर आज तक बजट में कई बदलाव किए गए। बजट का सीधा-सीधा असर हमारी इकोनॉमी पर पड़ता है। कई बार ये निगेटिव असर डालता है, तो कई बार पॉजिटिव। 2018-19 का बजट पेश होने में अब एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है। ऐसे में हम आपको बजट के बारे में कुछ ऐसी इंटरेस्टिंग बातें बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए जानना बहुत जरूरी है।

 


1. भारत में पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी ने पेश किया था। आजादी से पहले अंग्रेजों के शासन काल में तत्कालीन वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने 7 अप्रैल 1860 को ये बजट पेश किया  था।

2. आजाद भारत में पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में बनी पहली सरकार में आरके षणमुखम चेट्टी पहले वित्‍त मंत्री बने थे। उन्‍होंने 26 नवंबर 1947 को आजाद देश का पहला बजट पेश किया था।

3. जॉन मथाई देश के दूसरे वित्त मंत्री थे और इन्होंने 1949-50 का बजट पेश किया था। ये एक ऐतिहासिक बजट था और इसमें महंगाई पर फोकस किया गया था। इसी बजट के जरिए देश ने योजना आयोग और पंचवर्षीय योजनाओं जैसे शब्दों को चुना।

4. 1955-56 में पहली बार बजट भाषण को हिंदी में तैयार करवाया गया। तब से लगातार बजट भाषण हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में तैयार होते आ रहा है। हालांकि वित्‍त मंत्री अपनी सुविधा के हिसाब से हिंदी या अंग्रेजी में बजट भाषण पढ़ते हैं।

5. साल 1973-74 के बजट को भारत के ब्लैक बजट के रूप में जाना जाता है। इस साल देश का बजट घाटा 550 करोड़ रुपए था।

6. साल 1982 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया था। उन्होंने 1 घंटा 35 मिनट तक बजट स्पीच दी थी। इस बजट के बाद लंबी बजट स्पीच देने का ट्रेंड बन गया। इस पर इंदिरा गांधी ने कमेंट करते हुए कहा था कि सबसे छोटे कद के वित्त मंत्री ने सबसे लंबा भाषण दिया।

 


7. राजीव गांधी ने साल 1987 के बजट में भारत का पहली बार कॉरपोरेट टैक्स से इंट्रोड्यूस करवाया।

8. बजट की हिस्ट्री में ऐसा मौका भी आया जब साल 1991-92 का अंतरिम और वित्‍तीय बजट दो अलग-अलग पार्टियों के अलग अलग मंत्रियों ने पेश किया। यशवंत सिन्हा (बीजेपी) ने अंतरिम बजट पेश किया, जबकि मनमोहन सिंह (कांग्रेस) ने फाइनल बजट पेश किया।

9. साल 1994 के केंद्रीय बजट में सर्विस टैक्‍स का प्रावधान किया गया। इस बजट को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पेश किया था।

10. भारत देश 1947 में आजाद तो हो गया था, लेकिन देश में आम बजट को पेश करने की अंग्रेजों वाली परंपरा लंबे समय तक चलती रही। आम बजट की घोषणा पहले फरवरी के आखिरी दिन में शाम 5 बजे की जाती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उस वक्त ब्रिटेन में बाजार खुलने का समय होता था, लेकिन 2001 से आम बजट संसद में 11 बजे से पहले पेश होने लगा। 2001 में यशवंत सिन्हा ने पहली बार सुबह 11 बजे बजट पेश किया था। 

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