IDBI बैंक होगा प्राइवेट, सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी , मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर को भी सैद्धांतिक मंजूरी

IDBI बैंक होगा प्राइवेट, सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी , मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर को भी सैद्धांतिक मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-05 16:22 GMT
IDBI बैंक होगा प्राइवेट, सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी , मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर को भी सैद्धांतिक मंजूरी
हाईलाइट
  • IDBI का निजीकरण
  • बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
  • मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर करने को भी सैद्धांतिक मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली इकोनॉमिक अफेयर्स की कैबिनेट कमेटी ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही बैंक के मैनेजमेंट कंट्रोल को भी ट्रांसफर किया जाएगा। इस खबर के चलते बैंक का शेयर बुधवार सुबह 8% ऊपर था। हालांकि बाजार बंद होते समय यह 4.40% बढ़ कर 37.95 रुपए पर बंद हुआ। 

सरकार ने कहा कि एलआईसी और सरकार दोनों इस बात पर सहमत हुए हैं कि रिजर्व बैंक के साथ मिलकर इससे संबंधित लेन-देन के मामले में बात होगी और साथ ही समय भी तय किया जाएगा। भारत सरकार और एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक की 94 प्रतिशत से भी अधिक इक्विटी (भारत सरकार 45.48 प्रतिशत, एलआईसी 49.24 प्रतिशत) है। एलआईसी ही वर्तमान में मैनेजमेंट कंट्रोल के साथ आईडीबीआई बैंक का प्रमोटर है और भारत सरकार इसकी को-प्रमोटर है।

बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट में कहा था कि IDBI बैंक के साथ वे दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का प्रस्ताव रखती हैं। सीतारमण ने कहा था, "सरकार ने बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। लेकिन, बैंकों को प्राइवेट कैपिटल की ज्यादा जरूरत है। इसके लिए आईडीबीआई बैंक में सरकार की बाकी हिस्सेदारी प्राइवेट, रिटेल और संस्थागत निवेशकों के हाथों बेची जाएगी।"

आईडीबीआई एक सरकारी बैंक था, जो 1964 में देश में बना था। LIC ने IDBI में निवेश करके 51 फीसदी हिस्सेदारी ख़रीदी थी। अब सरकार द्वारी पूरी हिस्सेदारी बेचे जाने के बाद यह बैंक पूरी तरह से एक प्राइवेट बैंक हो जाएगा। ऐसे में बैंक के शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार के इस बैंक में हिस्सेदारी खत्म होने से बेहतर गवर्नेंस होगा।

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