चीन सीमा मुद्दे ने घरेलू क्षमता निर्माण का मजबूत संकल्प दिलाया है : उदय कोटक

चीन सीमा मुद्दे ने घरेलू क्षमता निर्माण का मजबूत संकल्प दिलाया है : उदय कोटक

IANS News
Update: 2020-06-27 12:00 GMT
चीन सीमा मुद्दे ने घरेलू क्षमता निर्माण का मजबूत संकल्प दिलाया है : उदय कोटक

नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष और कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ उदय कोटक ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि चीन के साथ चल रहे सीमा मुद्दे ने प्रतिस्पर्धी घरेलू क्षमता के लिए एक मजबूत संकल्प सुनिश्चित किया है।

उन्होंने कहा, भारत को आर्थिक रूप से अधिक आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि कई उद्योगों के लिए कच्चे माल और उपकरणों के आयात पर निर्भरता के उच्च स्तर को देखते हुए फिलहाल चीन से पूरी तरह दूरी बना पाना संभव नहीं है।

कोटक ने कहा कि जून के लिए विकास के आंकड़े अप्रैल या मई की तुलना में काफी बेहतर होंगे, जब अर्थव्यवस्था तेजी से उबरने लगेगी। कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को अपने प्री-लॉकडाउन स्तर पर लौटने में लगभग एक साल लग सकता है, लेकिन यह पहले की मांग के मामले में तेज गति से बढ़ सकती है।

कोरोना चरण में कॉर्पोरेट रुझानों पर कोटक ने कहा कि यह भारत के लिए कार्यालय बनने के एक बड़े अवसर को खोलने वाला है और दुनिया के लिए कारखानों को घर से कार्य करने (वर्क फ्रॉम होम) की व्यापक स्वीकृति भी प्रदान करता है। कई और कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दें, जहां भी संभव हो। सीआईआई के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना चरण में सामाजिक दूरी के साथ आपस में मिलकर बैठक करने के बजाय डिजिटल इंटरफेस का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए श्रम बचत प्रौद्योगिकियों का उपयोग होगा।

राष्ट्रव्यापी बंद (लॉकडाउन) के समय पर बात करते हुए कोटक ने कहा कि अर्थव्यवस्था की रक्षा के बजाय लॉकडाउन जान बचाने के लिए समय पर लागू किया गया। उन्होंने कहा, अगर लॉकडाउन उस समय लागू नहीं किया गया होता तो हम कई और जान गंवा सकते थे।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं है कि कुछ भी आयात नहीं किया जाएगा, लेकिन इससे भारत में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने की क्षमता होगी।

आपूर्ति श्रृंखलाओं में बदलाव पर, कोटक ने कहा कि कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से बाहर जाने की कोशिश कर रही हैं और कई पहले ही दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में चली गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने कई क्षेत्रों में गुणवत्ता और पैमाने (स्केल) की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है और देश में निवेशों को आकर्षित करने की क्षमता है।

साक्षात्कार के दौरान कोटक ने अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नए निवेश का आह्वान किया।

कोटक से आईएएनएस ने सवाल पूछा कि अनलॉक मोड में देश की अर्थव्यवस्था प्रगति को आप कैसे देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कारखाने और दुकानें खुल रही हैं, आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। कृषि उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है, जैसा कि इस साल अब तक फसल बुवाई में वृद्धि से संकेत मिला है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में श्रमिक उपलब्ध होने के साथ, कटाई गतिविधि बिना किसी कठिनाई के आगे बढ़नी चाहिए। कोटक ने कहा, मेरा मानना है कि जून के विकास के आंकड़े अप्रैल या मई की तुलना में बहुत बेहतर दिखेंगे, जब अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। कुल मिलाकर, अर्थव्यवस्था को अपने प्री-लॉकडाउन स्तर पर लौटने में लगभग एक साल लग सकता है, लेकिन यह पहले की मांग के मामले में तेज गति से बढ़ सकती है।

कोटक ने चीन के साथ व्यापार के मुद्दों पर कहा, भारत को आर्थिक रूप से अधिक आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। चीन के साथ सीमा मुद्दे ने प्रतिस्पर्धी घरेलू क्षमता के लिए एक मजबूत संकल्प सुनिश्चित किया है। महामारी से पता चला है कि कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें भारतीय उद्योग उत्पादन में वृद्धि कर सकता है और यह प्रतिस्पर्धी लागत पर आपूर्ति करने में सक्षम है।

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