CIC का वित्त मंत्रालय को आदेश- बताएं, नोटबंदी के बाद कितना कालाधन आया?

CIC का वित्त मंत्रालय को आदेश- बताएं, नोटबंदी के बाद कितना कालाधन आया?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-30 14:17 GMT
CIC का वित्त मंत्रालय को आदेश- बताएं, नोटबंदी के बाद कितना कालाधन आया?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 8 नवंबर, 2016 को पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। इस घोषणा का एक बड़ा उद्देश्य कालेधन पर लगाम लगाना था। अब इस घोषणा के 15 महीनों बाद केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने वित्त मंत्रालय से इससे जुड़ी एक जानकारी मांगी है। CIC ने वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया है कि नोटबंदी के बाद कितना कालाधन पकड़ाया है, इसकी जानकारी दें। CIC ने यह जानकारी एक RTI आवेदन के आधार पर मांगी है। यह RTI आवेदन 22 नवंबर, 2016 को खालिद मुंदापिल्ली नाम के शख्स ने दाखिल किया था।

खालिद मुंदापिल्ली ने नोटबंदी के 14 दिन बाद ही यह आवेदन दाखिल कर दिया था, जिसका जवाब उन्हें अब तक नहीं मिल पाया है। आरटीआई कानून के तहत किसी RTI आवेदन फाइल होने के 30 दिनों के अंदर जवाब दिया जाना जरूरी होता है, लेकिन मुंदापिल्ली को 14 महीनों बाद भी जवाब हासिल नहीं हो पाया। जब इसकी शिकायत मुख्य सूचना आयुक्त को की गई तो उन्होंने वित्त मंत्रालय को नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा जुटाए गए कुल कालेधन का ब्योरा देने को कहा।

बता दें कि जब मुंदापिल्ली को 30 दिनों के भीतर अपने RTI आवेदन पर जवाब नहीं मिला तो उन्होंने आयोग के पास पीएमओ की शिकायत की थी। इस पर पीएमओ अधिकारियों ने आरटीआई आवेदन का जवाब देने में देरी के लिए माफी मांगी। मुख्य सूचना आयुक्त आर. के. माथुर ने आरटीआई कानून के तहत 30 दिनों के अंदर आवेदन का जवाब न देने पर पीएमओ पर जुर्माना तो नहीं लगाया, लेकिन इस विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (CPIO) को भविष्य में सावधानी बरतने और समयसीमा का अनुपालन करने को कहा।

पीएमओ के अधिकारी ने इसके बाद आयोग को बताया कि कालेधन की जानकारी से जुड़े इस आवेदन को 25 जनवरी 2017 को जवाब के लिए राजस्व विभाग भेजा गया है। हालांकि राजस्व विभाग की ओर से भी मुंदापिल्ली को कोई जवाब नहीं मिला। इस पर माथुर ने राजस्व विभाग के सीपीआईओ को आरटीआई कानून के तहत इस आदेश के 30 दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया।

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