सर्वे: बजट में पास वित्त मंत्री सीतारमण, जनता ने 10 में दिए 7 अंक, बीते 8 साल में सबसे ज्यादा

सर्वे: बजट में पास वित्त मंत्री सीतारमण, जनता ने 10 में दिए 7 अंक, बीते 8 साल में सबसे ज्यादा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-02 05:14 GMT
सर्वे: बजट में पास वित्त मंत्री सीतारमण, जनता ने 10 में दिए 7 अंक, बीते 8 साल में सबसे ज्यादा
हाईलाइट
  • देश की जनता ने बजट को दिए 10 में से 7 अंक
  • देश के आम बजट पर IANS / C-Voters का सर्वे
  • बीते आठ साल में सबसे ज्यादा अंक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी 2.0 का पहला और अपना दूसरा बजट पेश किया। उन्होंने इतिहास का सबसे लंबा 2 घंटे 41 मिनट का भाषण दिया। आर्थिक सुस्ती के सबसे बड़े सवाल के बीच आए मोदी सरकार के इस बजट पर देश ही नहीं, दुनिया की भी नजरें जमी थीं। बजट में सबसे बड़ी घोषणा आयकर पर रही। इस बजट में सभी बिन्दुओं पर फोकस किया गया।

देश के आम बजट को लेकर आईएएनएस/सी-वोटर ने एक सर्वे कराया। इस सर्वे में निर्मला सीतारमण के इस बजट में दिए प्रस्तावों को देश की जनता ने 10 में से 7.1 अंक दिए। इस लिहाज से साल 2013 के बाद किसी आम बजट को सबसे ज्यादा अंक मिले हैं। उस दौर की मौजूदा यूपीए सरकार के बजा-य प्रस्तावों को महज 4.4 अंक मिले थे। इस सर्वे में सबसे ज्यादा अंक टैक्स में छूट और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए प्रस्तावों पर मिले हैं। 

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बजट के बाद कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि पिछले साल के बजट पर मिले सहमति अंक 7.0 को पीछे छोड़ते हुए मोदी सरकार 2.0 के इस बजट पर सहमति अंक 7.1 मिले हैं। सर्वे बताता है कि साल 2014 में बजट पर सहमति अंक 4.8 थे जो अगले साल बढ़कर 6.6 हो गए। इसके बाद साल 2016 के बजट पर सहमति अंक हालांकि घटकर 6.3 हो गए। गिरावट का क्रम जारी रहा। साल 2017 के बजट पर सहमति अंक 5.2 और 2018 में 4.7 रहे। इस बार फिर बजट पर सहमति अंक बढ़ गए। सर्वे सहमति अंकों को देखकर कहा जा सकता है कि मोदी के इस बजट से देश की 70 प्रतिशत जनता सहमत है। 

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बता दें कि मोदी 1.0 के दौरान बजट पर सहमति अंक में गिरावट का कारण देश की माली हालत के आर्थिक मापदंड पर खरा न उतर पाने व रोजमर्रा की वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि का आम आदमी पर प्रभाव पड़ना रहा। साथ ही बेरोजगारी की दर बढ़ने की छाया भी सहमति अंक में गिरावट की वजह रही।


 

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