GST की मार: Parle कर सकती है 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी

GST की मार: Parle कर सकती है 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी

Manmohan Prajapati
Update: 2019-08-21 11:35 GMT
GST की मार: Parle कर सकती है 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी
हाईलाइट
  • कंपनी ने की बिस्किट पर जीएसटी घटाने की मांग की है
  • ग्रामीण क्षेत्र का पारले के राजस्व में आधे से अधिक योगदान
  • सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया तो कई पदों से हटेंगे कर्मचारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर में लगातार मंदी की मार से जूझ रही ऑटो इंडस्ट्री के बाद टेक्सटाइल सेक्टर में मंदी की बात सामने आई थी। वहीं अब 90 साल पुरानी बड़ी बिस्‍किट निर्माता कंपनी Parle पर भी मंदी का असर देखने को मिल रहा है। हाल ही में पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि कंपनी 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है।

जीएसटी घटाने की मांग
कंपनी के कैटिगरी हेड मयंक शाह के मुताबिक यह सुस्‍ती गुड्स एंड सर्विसेस टैक्‍स (जीएसटी) की वजह से आई है। शाह ने कहा है, कि हम लगातार सरकार से बिस्किट पर जीएसटी घटाने की मांग कर रहे हैं। यदि सरकार ने हमारी बात नहीं मानी या कोई विकल्‍प नहीं बताया तो हमें मजबूरन 8 से 10 हजार लोगों की छंटनी करनी पड़ सकती है।

ज्यादा टैक्स से गिरी मांग
मयंक शाह ने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से पारले बिस्कुट के पारले-जी जैसे लोकप्रिय प्रोडक्ट की मांग गिर गई है। क्योंकि ज्यादा टैक्स ने पारले को प्रत्येक पैक में बिस्किट की मात्रा कम करने के लिए लिए मजबूर किया है, जिससे ग्रामीण भारत में कम आय वाले उपभोक्ताओं की पारले के बिस्कुट के लिए मांग घटी है। ग्रामीण भारत पारले के राजस्व में आधे से अधिक योगदान देता है।

स्थिति बेहद खराब
मयंक के अनुसार पारले के बिस्किट की बिक्री में भारी गिरावट का मतलब है कि कंपनी को उत्पादन में कमी करनी पड़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप 8 से 10 हजार लोगों की छंटनी हो सकती है। उन्होंने कहा, स्थिति बेहद खराब है, इतनी कि अगर सरकार तुरंत हस्तक्षेप नहीं करती है तो हम इन पदों को खत्म करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।

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