ऐसे भरेंगे ITR तो नहीं होगा किसी तरह का नुकसान

ऐसे भरेंगे ITR तो नहीं होगा किसी तरह का नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-31 07:25 GMT
ऐसे भरेंगे ITR तो नहीं होगा किसी तरह का नुकसान

डिजिटल डेस्क,मुंबई। फाइनेंशियल इयर 2016-17 के लिए इनकम टैक्स  रिटर्न (ITR) फाइल करने का आखिरी तारीख 31 जुलाई थी, जो बढ़कर 5 अगस्त कर दी गई है। अब आपको घबराने की जरूरत नहीं हैं, क्योंकि अब आप आराम से टैक्स भर सकते हैं। टैक्स भरने में जल्दबाजी न करें, नहीं तो कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। IT डिपार्टमेंट की तरफ से "आयकर सेतु" एप लॉन्च किया गया है, जिसकी मदद से टैक्सपेयर्स आसानी से अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। 

ऑनलाइन कैसे भरें ITR? 

आप चाहें तो ऑनलाइन भी अपनी रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसके लिए आपको डिपार्टमेंट की वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर रजिस्टर्ड करना होगा। यदि आप पहले से रजिस्टर्ड हैं, तो लॉग-इन करें। इसके बाद ई-फाइल टैब पर क्लिक करें। इसके बाद प्रीपेयर एंड सब्मिट ITR में क्लिक कर ITR भरें। यहां पर आपको आधार नंबर, पैन नंबर और अन्य जानकारियां देनी होंगी। 

अब तक 2 करोड़ से ज्यादा ITR हुए दाखिल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक इलैक्ट्रॉनिक रूप से 2 करोड़ से ज्यादा ITR फाइल हो चुके हैं। हालांकि रविवार को वेबसाइट में कुछ गड़बड़ी आ गई थी, जिस वजह से रिटर्न फाइन नहीं हो पा रहे थे। इस बारे में एक अधिकारी का कहना है कि वेबसाइट में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं आई थी। बस कुछ समय के लिए साइट बंद हो गई थी। 

नहीं भरा तो होंगे ये नुकसान

1. अगर आपने 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच कैश में 2 लाख या इससे ज्यादा रुपए  डिपॉजिट किए हैं, तो आपको हर हाल में ITR भरना होगा और इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो IT की तरफ से आपको नोटिस आ सकता है और आप पर  जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
2. अगर आप 31 जुलाई तक ITR फाइल नहीं करते हैं, तो आपको खुद के चुकाए गए एडवांस टैक्स और TDS पर अप्रैल से लेकर जुलाई तक का ब्याज नहीं मिलेगा। हालांकि अब इसकी अंतिम तारीख 5 अगस्त हो गई है।  
3. एक अगस्त के बाद रिटर्न फाइल करने पर आप बिजनेस, कैपिटल गेन्स और अन्य इनकम सोर्स से होने वाले घाटे को नहीं दिखा सकते हैं। 
4. अगर आपने इस साल के रिटर्न भरने के साथ-साथ 2015-16 का रिटर्न भी नहीं भरा है, तो आप पर 5 हजार का जुर्माना लगाया जा सकता है। ये जुर्माना आप पर तब लगेगा जब आप 2015-16 में रिटर्न न भर पाने का सही और वाजिब कारण नहीं बताएंगे। 

 

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