अब रेलवे वर्कशॉपों और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स में होगा प्राकृतिक गैसों का इस्तेमाल
अब रेलवे वर्कशॉपों और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स में होगा प्राकृतिक गैसों का इस्तेमाल
- भारतीय रेलवे और गेल इंडिया के बीच प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को लेकर हुआ समझौता।
- समझौता भारतीय रेलवे की वर्कशॉप
- मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट्स और डिपो को प्राकृतिक गैस आपूर्ति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रेल ने घुलनशील एसीटाइलिन, एलपीजी, बीएमसीजी और फरनेस ऑयल जैसी इंडस्ट्रीयल गैसों की जगह इनवायरमेंट फ्रेंडली नेचुरल गैस के इस्तेमाल के लिए मैसर्स गेल (इंडिया) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता भारतीय रेलवे की वर्कशॉप, मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट्स और डिपो को प्राकृतिक गैस आपूर्ति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया गया है।
गुरुवार को रेल भवन में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी और गेल के अध्यक्ष एवं महानिदेशक बी सी त्रिपाठी की मौजूदगी में हस्तक्षर किए गए। भारतीय रेल की तरफ से भारतीय रेल वैकल्पिक ईधन संगठन (आईआरओएफ) के सीएओ चेतराम और गेल (इंडिया) के निदेशक (विपणन) गजेन्द्र सिंह ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत गेल और भारतीय रेल के बीच यह सहमति बनी है कि रेलवे की 13 वर्कशॉपों के लिए सीएनजी/एलएनजी/पीएनजी की आपूर्ति के संबंध में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। यह कोई आपूर्ति समझौता नहीं है तथा प्राकृतिक गैस की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इकाईयां इसकी वाणिज्यिक शर्त्तें तय करेंगी।
इस मौके पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने कहा कि रेलवे वर्कशॉपों में प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल भारतीय रेल और गेल के लिए बहुत फायदेमंद है। यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए अनुकूल कदम है बल्कि भारतीय रेल के लिए भी बेहद फायदेमंद है क्योंकि इसकी मदद से ईंधन खर्च में 25 प्रतिशत तक की कटौती हो जाएगी।