RBI की केन्द्र सरकार को चेतावनी- मुद्रा योजना से और बढ़ सकता है NPA

RBI की केन्द्र सरकार को चेतावनी- मुद्रा योजना से और बढ़ सकता है NPA

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-13 18:04 GMT
RBI की केन्द्र सरकार को चेतावनी- मुद्रा योजना से और बढ़ सकता है NPA
हाईलाइट
  • RBI ने 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' (PMYY) को लेकर चेतावनी दी है।
  • RBI ने सरकार को कहा है कि यह योजना NPA का अगला मुख्य कारण हो सकता है
  • केंद्रीय बैंक ने कहा है कि PMYY के तहत बैड लोन्स 11
  • 000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश में छोटे इंडस्ट्रीज को समर्थन देने वाली सरकार की प्रमुख योजना "प्रधानमंत्री मुद्रा योजना" (PMYY) को लेकर चेतावनी दी है। सूत्रों के मुताबिक देश के सबसे बड़े बैंक ने सरकार को कहा है कि यह योजना नॉन-परफॉर्मिंग असेट (NPA) का अगला मुख्य कारण हो सकती है, जिसने बैंकिंग प्रणाली को नुकसान पहुंचाया है। जबकि इससे पहले ILFS ने भी देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया था।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैड लोन्स 11,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। मुद्रा योजना की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, योजना के तहत कुल 2.46 लाख करोड़ रुपए वितरण किए गए हैं। इसमें से 40 प्रतिशत रुपए महिला उद्यमियों और 33 प्रतिशत रुपए सोशल कैटगरी को वितरित किए गए थे। वित्त वर्ष 18 के दौरान PMYY योजना के माध्यम से 4.81 करोड़ से अधिक छोटे कर्ज लेने वालों को लाभ मिला है।

यह मामला उस वक्त सामने आया है जब इंफ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट और फाइनेंस कंपनी (ILFS) 91 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूबी और नकदी संकट से जूझ रही है। पिछले साल सरकार ने इसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। इसको लेकर 9 जनवरी को इंडसंड बैंक ने चेतावनी भी जारी की थी। हालांकि उन्होंने ILFS का नाम नहीं लिया था।

ILFS कंपनी पर पिछले कुछ सालों से लगातार कर्ज बढ़ रहा है। मूल कंपनी के साथ-साथ सहायक कंपनियां ब्याज तक नहीं चुका पा रही है। अकेले ILFS पर 16 हजार 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है जबकि सहायक कंपनियों को मिलाकर कर्ज की रकम 91 हजार करोड़ रुपए हो जाती है। कंपनी के कई प्रोजेक्ट्स अधूरे है, जिसके चलते कंपनी को पैसा नहीं मिल रहा है। कंपनी की कुल 250 से अधिक सब्सिडियरीज और ज्वाइंट वेंचर्स हैं।

बता दें कि मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को शुरू की गई थी। इस योजना के तहत बैंक छोटे कारोबारियों को 10 लाख रुपए का कर्ज देती है। यह कर्ज बैंक तीन श्रेणियों में देती है। इसमें पहला है "शिशु" श्रेणी, जिसके तहत 50,000 रुपए के लोन दिए जाते हैं। दूसरा है किशोर श्रेणी, जिसके तहत 50,001-5 लाख रुपए तक के लोन दिए जाते हैं। वहीं तीसरा है तरुण श्रेणी, जिसके तहत 5,00,001-10 लाख रुपए तक लोन दिए जाते हैं।

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