Real Estate: कोरोना काल में दिल्ली-NCR में 50 फीसदी बढ़ गई मकानों की बिक्री- रिपोर्ट

Real Estate: कोरोना काल में दिल्ली-NCR में 50 फीसदी बढ़ गई मकानों की बिक्री- रिपोर्ट

Manmohan Prajapati
Update: 2021-07-14 05:32 GMT
Real Estate: कोरोना काल में दिल्ली-NCR में 50 फीसदी बढ़ गई मकानों की बिक्री- रिपोर्ट
हाईलाइट
  • अप्रैल से मई की तिमाही में ​बढ़ी बिक्री
  • जनवरी से मार्च में बिके अधिक मकान
  • तिमाही आधार पर गिरावट भी दर्ज की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है। वहीं इस दौर ने लोगों को मालिकाना हक वाले घर की जरुरत भी महसूस कराई है। ऐसे में देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट बाजार, दिल्ली-एनसीआर में मकानों की बिक्री बढ़ी है। यह रिपोर्ट ऑनलाइन रियल एस्टेट ब्रोकरेज फर्म PropTiger.com की है। जिसमें कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में इस साल अप्रैल से मई की तिमाही के दौरान मकानों की बिक्री में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के चलते दिल्ली-एनसीआर में मांग बढ़ने के बाद वार्षिक आधार पर मकानों की बिक्री 50 फीसदी बढ़ी। हालांकि बिक्री में तिमाही आधार पर 54 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई।

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प्रॉपटाइगर की त्रैमासिक रिपोर्ट रियल इनसाइट (आवासीय) ​(अप्रैल - जून 2021) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के प्राथमिक मार्केटों में बिक्री अप्रैल-जून 2021 के दौरान बढ़कर 2,828 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले की अवधि में 1,886 यूनिट थी।

रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में दिल्ली-एनसीआर में कुल 6,190 मकान बिके थे। 2020 की समान तिमाही में मकानों की बिक्री 1,890 इकाई रही थी।

दूसरी तिमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा 36 प्रतिशत यानी कि 1,020 मकान गुरुग्राम में बिके। वहीं नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 34 फीसदी, फरीदाबाद के 18 फीसदी और गाजियाबाद में 12 फीसदी मकानों की बिक्री हुई।

रिपोर्ट में ट्रैक किए गए आठ प्रमुख मार्केट में जून तिमाही में दिल्ली-एनसीआर, अहमदाबाद और हैदराबाद में बिक्री बढ़ी। जबकि पांच शहरों - मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR), पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई में मांग में गिरावट देखी गई।

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अप्रैल-जून 2021 के दौरान नए मकानों की आपूर्ति पिछले साल की समान तिमाही के 2,016 इकाई से 59 फीसदी घटकर 818 इकाई रह गई। तिमाही आधार पर आपूर्ति में 83 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।

प्रॉपटाइगरडॉटकॉम के ग्रुप सीओओ मणि रंगराजन के अनुसार, पिछले 5-6 वर्षों में होम लोन पर कम ब्याज दरों और प्रॉपर्टी की स्थिर कीमतों के कारण रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बहुत सस्ती हो गई हैं। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौर में लोगों को अपने घर की जरुरत भी महसूस हुई है। इन कारकों ने हाउसिंग, मार्केट को लचीला बनाए रखा है।

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