GST प्रणाली पर वर्ल्ड बैंक ने उठाए सवाल, कहा- सबसे मुश्किल टैक्स सिस्टम

GST प्रणाली पर वर्ल्ड बैंक ने उठाए सवाल, कहा- सबसे मुश्किल टैक्स सिस्टम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-16 08:10 GMT
GST प्रणाली पर वर्ल्ड बैंक ने उठाए सवाल, कहा- सबसे मुश्किल टैक्स सिस्टम

 

डिजिटल डेस्क । हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने भारत की GDP ग्रोथ को सकारात्मक बताते हुए अगले वित्त वर्ष (2018-19) की GDP ग्रोथ 7.3% और 2019-20 में भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 7.5 लगाया गया था, लेकिन इसके तुरंत बाद ही वर्ल्ड बैंक ने भारत की सबसे बड़ी कर प्रणाली गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) सवाल खड़ कर दिए है। वर्ल्ड बैंक की "इंडिया डेवलपमेंट अपडेट" रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में GST बहुत ज्यादा जटिल है। इतना ही नहीं वर्ल्ड बैंक ने ये भी कहा कि 115 देशों में से भारत में टैक्स रेट सबसे ज्यादा है। ये रिपोर्ट 14 मार्च को जारी की गई है।

बाकी देशों में किस तरह लागू है GST

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे विश्व में 115 देशों में GST  लागू है। 115 देशों में केवल 5 देश- भारत, इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना में 5 टैक्स स्लैब की व्यवस्था है। रिपोर्ट के अनुसार इन चारों देशों की अर्थव्यवस्था कठिन दौर में ही है। 49 देशों में केवल 1 टैक्स स्लैब है। 28 देशों में 2 टैक्स स्लैब रखे गए हैं।

ये प्रोडक्ट्स हैं GST से बाहर

भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किए गए GST में 5 टैक्स स्लैब (0,5,12,18 और 28 फीसदी) हैं। कई सामान और सेवाओं को GST के दायरे से बाहर भी रखा गया है। फिलहाल पेट्रोलियम उत्पाद और रियल एस्टेट को GST  से बाहर रखा गया है। गोल्‍ड पर जीएसटी में 3 तो कीमती पत्थरों पर 0.25 फीसद के रेट से टैक्‍स लगाया गया है। साथ ही शराब, पेट्रोलियम उत्पाद और रियल एस्टेट पर लगने वाला स्टाम्प ड्यूटी और बिजली के बिल को GST से बाहर रखा गया है।

 

 

वर्ल्ड बैंक दिए सुझाव 

वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में GST के बाद टैक्स रिफंड की धीमी रफ्तार पर भी चिंता जताई है। हालांकि, आने वाले दिनों में भारत में GST की स्थिति में सुधार की संभावना भी जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स स्लैब की संख्या कम करने और कानूनी प्रावधानों को आसान करने से जीएसटी ज्यादा प्रभावी और असरदार होगा।

क्या है वित्त मंत्री का प्लान ? 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 12 और 18 फीसदी वाले स्लैब को एक करने की बात कही थी, लेकिन टैक्स जमा करने में सुधार और राजस्व में वृद्धि के बाद ही यह कदम उठाया जाएगा। पिछले साल नवंबर में GST काउंसिल की गुवाहाटी बैठक में 28 फीसदी के स्लैब को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था। पहले इसके दायरे में 228 वस्तुओं एवं सेवाओं को रखा गया था, जिसे 50 तक सीमित कर दिया गया।
 

Similar News