'नोटबंदी से 15 लाख लोगों की नौकरी गई'

'नोटबंदी से 15 लाख लोगों की नौकरी गई'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-10 12:33 GMT
'नोटबंदी से 15 लाख लोगों की नौकरी गई'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नोटबंदी के मामले में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण 15 लाख लोगों की नौकरी चली गई और रुपए बदलने के लिए लाइन में लगे 104 लोगों की मौत हो गई। विमुद्रीकरण के नाम पर कुल 21 हजार करोड़ रुपए और नए नोटों को छापने में आठ हजार करोड़ रुपए व्यय किए गए।

शनिवार को चिदंबरम ने कहा कि पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि विमुद्रीकरण के कारण GDP में दो प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है जो अब सच साबित हुआ। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण से कोई काला धन नहीं मिला और न ही आतंकवाद पर ही लगाम लग सकी। बल्कि कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने के कारण हमारे कई जवान शहीद हो गए। 

कई मुद्दों पर खुलकर बोले चिदंबरम 
राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने के सवाल को लेकर चिदंबरम ने कहा कि इस पर पार्टी फैसला करेगी। इसके लिए बैठक होगी तो मैं वहीं अपनी राय जाहिर करूंगा। उन्होंने कहा कि गौरी लंकेश हत्याकांड जैसी घटनाएं देखने के लिए हमारे पूर्वजों ने आजादी नहीं दिलाई थी। आगे कहा कर्णाटक की कांग्रेस सरकार मामले की जांच जल्द करे। मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार इन विभागों में असफल रही है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर व नाशिक में इलाज के दौरान बच्चों की मौत की घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की अनदेखी का नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अल्फांसों को वक्त देना चाहिए। अभी उन्हें काफी कुछ सीखने की जरूरत है।

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