मनपा: 27 डॉक्टरों ने स्टाम्प पर लिखकर दिया, अब नहीं करेंगे निजी प्रैक्टिस

मनपा: 27 डॉक्टरों ने स्टाम्प पर लिखकर दिया, अब नहीं करेंगे निजी प्रैक्टिस

Tejinder Singh
Update: 2020-01-12 13:46 GMT
मनपा: 27 डॉक्टरों ने स्टाम्प पर लिखकर दिया, अब नहीं करेंगे निजी प्रैक्टिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका के अस्पतालों में ज्यादातर समय डॉक्टर अनुपस्थित रहते है इससे पर निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों से 100 रुपए के स्टाम्प पर लिखकर मांगा गया है कि वह निजी तौर पर चिकित्सा सेवा नहीं दे सकते है। मामले को लेकर 27 डॉक्टरों ने लिखित में दिया कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करेंगे, लेकिन इसके बाद भी वह खुद के बड़े-बड़े अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे है। ऐसे लोगों का खुलासा मनपा की जांच में हो पाएगा। वहीं अस्पतालों में आने-जाने के समय का कड़ाई से पालन होने पर ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसी जा सकती है।

उपसंचालक ने स्टॉम्प पर लिखकर मांगा था

मनपा की उपसंचालक भावना सोनकुसले ने सभी स्थायी डॉक्टरों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेंटर को पत्र लिखकर कहा कि वर्ष 2012 में सरकार के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सा अधिकारियों को 6वें वेतन आयोग के अनुसार मूल वेतन के अलावा 35 फीसदी प्राइवेट प्रैक्टिस अलाउंस मंजूर करने का निर्णय लिया था। इसे मनपा की स्थायी समिति में 2015 में मंजूरी दे दी गई थी और वर्ष 2016 में उसे लागू कर िदया गया है। उक्त नियम का पालन करना मनपा के सभी स्थायी चिकित्सा अधिकारियों को पालन करना बंधनकारक है। यदि कोई डॉक्टर अपना स्वतंत्र निजी मेडिकल व्यवसाय करता है तो उसे तत्काल बंद करें अौर 100 रुपए के स्टाम्प पर लिखकर विभाग को प्रस्तुत करें। उसी के साथ हर माह निजी सेवा नहीं देते है ऐसा प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करें।

अस्पतालों में नहीं मिलते है डॉक्टर

मनपा के अस्पतालों के बाह्य रोग विभाग (ओपीडी) में बैठने वाले डॉक्टरों ज्यादातर समय अनुपस्थित रहते है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि शहर में ज्यादातर डॉक्टरों के या तो निजी अस्पताल है या फिर वह प्राईवेट प्रैक्टिस करते है जिस वजह से वह मनपा के अस्पतालों में समय नहीं दे पाते है। कई बार चेतावनी देने के बाद भी जब डॉक्टर नहीं माने तो उनसे स्टाम्प पर लिखकर मांगना पड़ा।

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