कटघरे में खड़ी होगी मां - 38 साल पहले बेटे को भगवान भरोसे छोड़ा, अदालत ने भेजा नोटिस

कटघरे में खड़ी होगी मां - 38 साल पहले बेटे को भगवान भरोसे छोड़ा, अदालत ने भेजा नोटिस

Tejinder Singh
Update: 2020-01-13 13:59 GMT
कटघरे में खड़ी होगी मां - 38 साल पहले बेटे को भगवान भरोसे छोड़ा, अदालत ने भेजा नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 38 साल पहले अपने ढाई साल के बच्चे को अनाथ छोड़ने वाली महिला को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने यह नोटिस बेटे की ओर से दायर किए गए दावे पर सुनवाई के बाद जारी किया है। मेकअप अर्टिस्ट के तौर पर कार्यरत 40 वर्षीय बेटे ने अपने दावे में कहा है कि उसे अपनी मां के इस अवैध कृत्य के चलते काफी असुविधा व मानसिक पीड़ा सहित कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसलिए उसे अब अपनी मां की संपत्ति में न सिर्फ हिस्सा देने का निर्देश दिया जाए बल्कि डेढ करोड़ रुपए मुआवजा देने के लिए कहा जाए। इसके साथ युवक ने मांग की है कि वह अपने दावे को साबित कर सके इसलिए मेरी जैविक मां का डीएनए परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए। 

महानगर से सटे डोंबिवली इलाके में रहनेवाले युवक ने दावा किया है कि अब उसकी जैविक मां ने दोबारा विवाह कर लिया है। इससे पहले मेरी मां मुझे मुंबई से डेक्कन एक्सप्रेस ट्रेन में पुणे लेकर गई थी। किंतु पुणे में मेरी मां ने मुझे अकेला छोड़ दिया और वह वहां से चली गई। इस दौरान ट्रेन के वेटर ने मुझे रोता हुआ देख पुलिस कांस्टेबल को सौप दिया था। उस वक्त पुलिस मेरी मां का पता नहीं लगा सकी थी। कुछ समय बाद राजस्थान के एक दंपति ने मुझे अपना बेटा बताकर अपने पास रख लिया था। इस बीच मेरी दादी ने मेरा पता लगाया और फिर मैं अपनी दादी के पास आ गया। दादी का 1991 में देहांत हो गया। इसके बाद मैंने अपने रिश्तेदारों की मदद से अपनी मां का पता लगाया और उनसे उनका नंबर लिया। 

फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने मुझे अपना बेटा माना है और अपनी गलती के लिए माफी मांगी है। लेकिन वे सार्वजनिक रुप से मुझे बेटे के रुप में स्वीकार नहीं कर रही हैं। सोमवार को न्यायमूर्ति एके मेनन के सामने बेटे की ओर से दायर किए गए दावे पर सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायमूर्ति ने पाया कि याचिकाकर्ता ने अपने दावे की प्रति उस महिला को नहीं सौपी है जिसे वह अपनी मां बता रहा है। इसके बाद न्यायमूर्ति ने प्रतिवादी मां को नोटिस जारी किया और याचिकाकर्ता को दावे की प्रति अपनी मां को देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति ने फिलहाल मामले की सुनवाई 6 सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

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