तीन साल में महाराष्ट्र के गांवों में बनाए गए 50 लाख शौचालय

तीन साल में महाराष्ट्र के गांवों में बनाए गए 50 लाख शौचालय

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-15 18:28 GMT
तीन साल में महाराष्ट्र के गांवों में बनाए गए 50 लाख शौचालय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत देश पिछले तीन वर्षों में 5 करोड़ से भी अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसमें महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में शौचालयों के निर्माण संख्या 50 लाख 8 हजार 601 है। वहीं प्रदेश के 16 जिले व 34 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है। केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने सोमवार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए कार्यों की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार देश के ग्रामीण अंचलों में 2 अक्टूबर 2014 तक 38.70 प्रतिशत घरेलू शौचालय थे, जिनकी संख्या 14 जनवरी 2018 तक बढकर 76.26 प्रतिशत हो गई है। सरकारी आंकडों के अनुसार जनवरी 2018 तक देश के ग्रामीण इलाकों में 5 करोड़ 94 लाख 45 हजार शौचालयों का निर्माण किया गया है। वहीं, देश में 3 लाख 9 हजार 161 गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए है।

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महाराष्ट्र में 34 हजार गांव खुले में शौच से मुक्त
राज्य सरकार ने 2015-16 में कुल 6053 गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया था। 2016-17 में यह संख्या बढकर 21702 हो गई है। मौजूदा स्थिति में प्रदेश के 34,157 गावों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है। इनमें नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, जालना, बीड, अहमदनगर, सोलापुर, सांगली, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सातारा, पुणे, पालघर और रायगड जिले शामिल है।

30 जिलों में हुआ उल्लेखनीय कार्य
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के 30 जिलों के ग्रामीण इलाकों में सौ फीसदी शौचालयों का निर्माण किया गया है। नंदुरबार, जलगाव, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा और गडचिरोली इन छह जिलों में घरेलू शौचालयों के निर्माण का कार्य 90 प्रतिशत तक हो गया है। वर्ष 2014-15 में 4,31034, 2015-16 में 8,82288, 2016-17 में 19,17191 और 2017-18 में 17,78288 शौचालयों का निर्माण किया गया है।

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