मैथोडिस्ट चर्च के फादर पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर सुनवाई शुरू

मैथोडिस्ट चर्च के फादर पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर सुनवाई शुरू

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-18 07:55 GMT
मैथोडिस्ट चर्च के फादर पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर सुनवाई शुरू

डिजिटल डेस्क जबलपुर। जन्म की खुशी भी चर्च में मनाई जाती है और मौत का मातम भी वहीं होता है। ऐसे बेहद अहमियत रखने वाले धार्मिक स्थल से किसी को बेदखल करना उसके अस्तित्व को ही चुनौती देने जैसा है। जिस इंसान के ऊपर यह सब गुजरता है, न उसकी कोई सामाजिक प्रतिष्ठा बच पाती है और न ही मान-सम्मान..! दरअसल यह वह दर्द है जो क्रिश्चियन कम्युनिटी के एक बुजुर्ग विमल सैमुएल ने भरी अदालत में बयां किया। जेएमएफसी प्रीति शिखा ने मैथोडिस्ट चर्च के फादर देवेंद्र एस कुम्हारे तथा मनीष गिडियन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर सुनवाई शुरू कर दी है। 

तकरीबन डेढ़ घंटे चली सुनवाई के बाद अदालत ने प्रथम दृष्टया मान लिया कि नर्मदा रोड, हवाबाग चर्च कैम्पस निवासी विमल सैमुएल को चर्च की सदस्यता से बेदखल करते हुए सामाजिक तौर पर क्षति पहुंचाई गई। कोर्ट ने पुलिस की उस रिपोर्ट को भी तवज्जो दी, जिसमें परिवादी को पूरी जांच-पड़ताल के बाद क्लीन चिट दी गई है।  लिहाजा अदालत ने दोनों प्रतिवादियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। दोनों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिए गए हैं और प्रकरण पर अगली सुनवाई 9 जुलाई को सुनिश्चित की गई है। मामले में परिवादी की ओर से अधिवक्ता संदेश दीक्षित पैरवी कर रहे हैं। 

न कोई समाज में बुलाता है, न प्रार्थना सभा में 
परिवादी ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा है कि मैथोडिस्ट चर्च में नियम-कायदों को दरकिनार करते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा था। इस मामले की शिकायत की गई और इससे चर्च के पदाधिकारी नाराज हो गए। परिवादी का आरोप है कि उसके खिलाफ एक शिकायत पुलिस को दी गई। बाद में कार्यवाही करते हुए उसे चर्च की सदस्यता से बेदखल कर दिया गया। इसके बाद से समाजिक समारोहों से उन्हें दूर रखा जाने लगा। लोग घृणित नजरों से देखने लगे। प्रार्थना सभाओं में भी उन पर पाबंदी लगा दी गई। 

जिस आरोप पर कार्यवाही, वही निकला झूठा 
परिवादी का कहना है कि निर्माण कार्य की शिकायत करने पर नाराज पदाधिकारियों ने 18 जुलाई 2016 को उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी। चर्च के डिस्ट्रिक्ट सुपरिटेंडेंट देवेंद्र एस कुम्हारे की ओर से दी गई  शिकायत में कहा गया कि विमल सैमुएल तथा अन्य ने कुछ दिनों पहले पीली कोठी में कुछ लोगों के साथ मीटिंग की और इसमें मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के पदाधिकारियों के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया कि 18 जुलाई 2016 को होने वाली अहम बैठक में बिशप कांफ्रेस ले-डियर, एक्जिक्यूटिव सेक्रेटरी और डिस्ट्रिक्ट सुपरिटेंडेंट सहित अन्य पदधिकारियों के साथ मारपीट की जाए, साथ ही बलपूर्वक दस्तावेजों में दस्तखत भी कराए जाने की साजिश रची गई। ओमती पुलिस ने 12 अगस्त 2016 को इस रिपोर्ट के साथ केस क्लोज कर दिया कि मामले में ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिल पाए, साथ ही वह मीटिंग भी सामान्य तौर पर हो गई, जिसे लेकर आशंका जताई गई थी। 

चेयरमैन ने भी कहा- ऐसा प्रावधान नहीं 
अदालत के समक्ष शांति तथा अनुशासन समिति के चेयरमैन विल्सन सेमुअल भी गवाही के दौरान हाजिर हुए। उनका कहना रहा कि किसी मेंबर के खिलाफ अगर ऐसी कोई भी शिकायत होती है, तो उसे समिति के पास भेजा जाता है। उन्होंने बयान दर्ज कराए कि इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। उनका यह भी कहना रहा कि इस तरह से सदस्यता समाप्त करने का कोई प्रावधान ही नहीं है। 

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