प्रसव के बाद महिला ने तोड़ा दम, जिला अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप

प्रसव के बाद महिला ने तोड़ा दम, जिला अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-01 09:36 GMT
प्रसव के बाद महिला ने तोड़ा दम, जिला अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में प्रसव के पश्चात एक प्रसूता की मौत हो गई। प्रसूता की मौत पर आक्रोशित परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया। माहौल बिगड़ता देख स्टाफ ने अस्पताल चौकी पुलिस को वार्ड में बुलाया। पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हो पाया।

परासिया निवासी मुकेश काले ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने भाभी आरती पति मयूर काले (30) को प्रसव के लिए जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में भर्ती कराया था। आरती का बीपी बढ़ा हुआ था। शुक्रवार को बीपी नार्मल बताकर चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई। इसके बाद से आरती की हालत बिगड़ गई। हालत खराब होने के बाद भी स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से आरती की मौत हो गई।

परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। हंगामें की सूचना मिलते ही अस्पताल चौकी पुलिस ने वार्ड में पहुंचकर परिजनों को समझाइश दी। तब मामला शांत हो सका। हालांकि बाद में इस मामले में परिजनों ने प्रबंधन को कोई शिकायत नहीं की और न ही मृतका का पीएम कराया। वहीं सीजर से जन्मी नवजात की हालत स्वस्थ्य बताई जा रही है।  

बीपी और खून की कमी से पीड़ित थी मृतका
चिकित्सकों ने बताया कि आरती बीपी और ब्लड की कमी से पीड़ित थी। ऑपरेशन से ही उसका प्रसव संभव था। कई बार ऑपरेशन के बाद मरीज के हार्ट और फेफड़े में ब्लड के थक्के जम जाते हैं। इसकी वजह से मरीज की सांसें थम सकती है। ऐसी ही स्थिति आरती के साथ भी बनी थी। आरती को बचाने डॉक्टरों द्वारा पूरे प्रयास किए गए। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

क्या कहते हैं अधिकारी
प्रसूता की हालत गंभीर होने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को बुलाकर इलाज कराया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मामले की जांच के आदेश दिए गए है।
-डॉ.जेएस गोगिया, सीएमएचओ 

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