महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने को तैयार नहीं आप, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गोवा में उतारेगी उम्मीदवार 

महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने को तैयार नहीं आप, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गोवा में उतारेगी उम्मीदवार 

Tejinder Singh
Update: 2019-01-21 14:06 GMT
महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने को तैयार नहीं आप, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गोवा में उतारेगी उम्मीदवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि उसने महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में फिलहाल फैसला नहीं किया है। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने सोमवार को कहा कि पार्टी चार राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गोवा में लोकसभा चुनाव लड़ेगी, लेकिन उसने महाराष्ट्र में अभी तक चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम लोग महाराष्ट्र में किसी सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। अगर हमें लगा कि इससे भाजपा को हराने में मदद मिलेगी तो पार्टी कुछ सीटों पर विचार कर सकती है। मेनन ने कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ‘‘चंगुल’’ से लोकतंत्र को बचाना चाहती है, इसलिए ‘‘जिन सीटों पर हमें लगा कि उन्हें हराया जा सकता है तो वहां हम अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। 

महाराष्ट्र में मृत हो चुकी है पार्टीः मयंक गांधी
आप के पूर्व नेता मयंक गांधी ने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि पार्टी महाराष्ट्र में ‘‘मृतप्राय’’ है। लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र का स्थान दूसरा है। महाराष्ट्र में 48 जबकि उत्तर प्रदेश में 80 संसदीय क्षेत्र हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘कार्यकर्ताओं के कहने पर सबसे खराब नेतृत्व को प्रोत्साहित किया गया और इसने आप के मूल चरित्र और आत्मा को नष्ट कर दिया। पार्टी में अब सिर्फ खुदगर्ज लोग बचे रह गये हैं। मयंक गांधी ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी महाराष्ट्र में चुनाव लड़ती है तो उसे कुछ हजार मत भी नहीं मिल सकते और वह ‘‘उपहास का पात्र’’ बन जायेगी।

उल्लेखनीय है कि 2014 के आम चुनाव में राज्य में पार्टी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। असंतुष्ट आप नेता रवि श्रीवास्तव ने कहा कि महाराष्ट्र में पार्टी की स्थिति थोड़ी ‘‘कमजोर’’ है इसलिए राज्य में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना पार्टी के लिये एक समझदारी भरा फैसला है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदी पट्टी के राज्यों में हालिया विधानसभा चुनावों में आप की हालत बेहद खराब रही। उसे नोटा (इनमें से कोई नहीं) के पक्ष में पड़े मतों से भी कम मत मिले। पिछले दो साल से आप को महाराष्ट्र में नाकामयाबी हाथ लगी है जबकि मयंक गांधी एवं अंजलि दमानिया जैसे इसके नामी नेता पार्टी भी छोड़ गये। इसकी प्रदेश कार्यकारी समिति भी कुछ समय पहले भंग कर दी गयी थी। 
 

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