आरोपी ने कबूला गुनाह- प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट आने से गई जान, पीड़ित परिवार को 20 लाख की आर्थिक मदद

साकीनाका की निर्भया आरोपी ने कबूला गुनाह- प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट आने से गई जान, पीड़ित परिवार को 20 लाख की आर्थिक मदद

Tejinder Singh
Update: 2021-09-13 14:54 GMT
आरोपी ने कबूला गुनाह- प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट आने से गई जान, पीड़ित परिवार को 20 लाख की आर्थिक मदद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। साकीनाका रेप मामले में गिरफ्तार आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा इस मामले में आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत भी जुटा लिए हैं, जिनमें वारदात के दौरान की सीटीटीवी फुटेज और अपराध में इस्तेमाल हथियार भी शामिल है। मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले में एट्रोसिटी कानून की धाराएं एफआईआर में जोड़ दीं गईं हैं। मामले की जांच आखिरी चरण में है।

अपराध से जुड़े नमूनों की फॉरेंसिक जांच और पीड़ित व आरोपी के डीएनए सैंपलिंग की जा रही है। साथ ही मामले में आरोपी को सजा दिलाने के लिए राजा ठाकरे को बतौर सरकारी वकील नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि पीड़िता के परिवार को राज्य सरकार की ओर से 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। बता दें कि पुलिस ने मामले में मोहन चौहान नाम के 45 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया है।  

मुख्यमंत्री से मिले हलदर

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वसले पाटील, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, पुलिस महानिदेशक संजय पांडे समेत गृहविभाग के कई आला अधिकारियों से मुलाकात की। नागराले ने कहा कि मुलाकात के दौरान मैं भी मौजूद था और हलदर ने इस मामले में मुंबई पुलिस ने जिस तरह जांच और कार्रवाई की है उसकी तारीफ की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी जारी बयान में दावा किया गया है कि मामले में हुई कार्रवाई से आयोग संतुष्ट है। उद्धव ठाकरे ने हलदर से कहा कि वे केंद्र सरकार से बात कर ऐसी योजना शुरू कराएं जिससे सड़कों पर रहने को मजबूर महिलाओं को घर दिए जा सकें।  

इससे पहले भी अरुण हलदर ने भी पीड़िता के परिवार और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली थी। जानकारी मिलने के बाद मामले का खुद संज्ञान लेते हुए वे दिल्ली से मुंबई पहुंचे। पुलिस ने मामले में दलित उत्पीड़न कानून की धाराएं भी जोड़ीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक्शन टेकर रिपोर्ट भी मांगी गई है। आयोग की ओर से परिवार को आश्वास दिया गया कि उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। परिवार की बच्चियों की पढ़ाई का खर्च भी राज्य सरकार को उठाना होगा। हलदर ने कहा था कि परिवार को एक घर और एक सदस्य को राज्य सरकार की ओर से नौकरी देने की बात भी अधिकारियों ने स्वीकार की है। 

पैसों को लेकर शुरू हुआ विवाद

हेमंत नागराले ने बताया कि पीड़िता और आरोपी एक दूसरे को पहले से जानते थे। वे पहले 4-5 बार एक दूसरे से मिल चुके थे। उनके बीच पैसों के लेन देन को लेकर विवाद था। पीड़िता ने आरोपी को पैसे दिए थे, जिसे वह वापस मांग रही थी। इसी को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया। नागराले ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पेट और गुप्तांग में लगे घाव के चलते अप्राकृतिक मौत की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि मामले में गिरफ्तार आरोपी मोहन चौहान का राज्य में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उत्तर प्रदेश में क्या उसने कोई वारदात अंजाम दी है इसकी जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है।     

बयान पर कायम

नागराले ने कहा कि वे अपने उस बयान पर कायम हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस हर वक्त हर जगह मौजूद नहीं रह सकती। बयान को महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी द्वारा दुर्भाग्यपूर्ण बताए जाने से जुड़े सवाल पर नागराले ने कहा कि उन्होंने मीडिया में चंद्रमुखी का बयान सुना जिसमें उन्होंने इसका समर्थन किया है। नागराले ने कहा कि इलाके में पुलिस की पेट्रोलिंग न होने का दावा गलत है। हमारे रिकॉर्ड के मुताबिक रात साढ़े 12 बजे पुलिसवाले वहां पेट्रोलिंग के लिए गए थे। साथ ही वारदात की जानकारी मिलते ही 10 मिनट में पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता जिस टेंपो में मौजूद थी पुलिस कांस्टेबल उसे ही चलाकर अस्पताल पहुंचा।  

महिला सुरक्षा के बजाय अफसरों के तबादलों को प्राथमिकता दे रही सरकार  

इससे पहले भाजपा प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गई। रविवार को भाजपा की महिला मोर्चा की ओर से पवई पुलिस स्टेशन के सामने आंदोलन किया था। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, भाजपा विधायक मनीषा चौधरी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अफसरों को ज्ञापन सौंपा था। दरेकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता बदल गई है। महिलाओं की सुरक्षा नहीं बल्कि अफसरों के तबादले और भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों को बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता बन गई है। सरकार का पुलिस प्रशासन पर नियंत्रण नहीं है। इसलिए राज्य में महिला अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दरेकर ने कहा कि देश की आर्थिक राजधानी में मुंबई में दुष्कर्म की घटना से महिलाओं में भय का माहौल पैदा हो गया है। दूसरी ओर आरपीआई के कार्यकर्ताओं ने साकीनाका के सिग्नल के पास इस घटना के खिलाफ आंदोलन किया। आरपीआई के कार्यकर्ताओं ने सरकार से दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की। 

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