पायल तडवी मामले की आरोपी डॉक्टर को मिली राहत
पायल तडवी मामले की आरोपी डॉक्टर को मिली राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने डॉक्टर पायल तड़वी की कथित आत्महत्या से जुड़े मामले में आरोपी डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल व डॉक्टर भक्ति मेहरे को अंतरिम राहत प्रदान की है। इसके तहत हाईकोर्ट ने डॉक्टर खंडेलवाल व डॉक्टर मेहरे के खिलाफ महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल की ओर से की जा रही अनुशासनात्मक जांच (डिसिप्लिनरी एनक्यारी) पर 11 जून 2021 तक के लिए अंशकालिक रोक लगा दी है। दोनों आरोपियों ने याचिका में दावा किया गया था कि मेडिकल काउंसिल उन्ही आरोपों के तहत मामले की जांच कर रहा है, जिनको लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इन आरोपों के तहत वे पहले से ही मुकदमे का भी सामना कर रही हैं। इसलिए वे मेडिकल काउंसिल के सामने अपने बचाव में कुछ भी कहती हैं तो वह आपराधिक मुकदमे की सुनवाई के दौरान उन्हें प्रभावित करेगा।इसलिए मेडिकल काउंसिल की जांच पर मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक रोक लगाई जाए। इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति केके तातेड़ की खंडपीठ ने मेडिकल काउंसिल की ओर से जांच को लेकर 4 नवंबर 2020 को जारी की गई नोटिस पर अंशकालिक रोक लगा दी। खंडपीठ ने कहा प्रथम दृष्टया नोटिस को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि मेडिकल काउंसिल ने आपराधिक मामले के आधार पर जांच शुरु की है।
गौरतलब है कि मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के दूसरे वर्ष की छात्रा डॉक्टर तडवी के22 मई 2019 को अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया था। आत्महत्या से पहले लिखे पत्र में डॉक्टर तड़वी ने खुदकुशी के लिए डॉक्टर खंडेलवाल, डॉक्टर भक्ति मेहर व डॉक्टर हेमा आहूजा को जिम्मेदार ठहराया था। इस घटना के बाद पुलिस ने तीनों डॉक्टरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) 201व एट्रासिटी कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।