जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे पीटर मुखर्जी

जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे पीटर मुखर्जी

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-27 14:07 GMT
जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे पीटर मुखर्जी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड मामले में आरोपी पीटर मुखर्जी ने अपनी तबीयत ठीक न होने के आधार पर बांबे हाईकोर्ट में जमानत आवेदन दायर किया है। इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने पीटर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। इसलिए अब पीटर ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दायर की है। जमानत आवेदन में पीटर ने कहा है कि सीबीआई के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। पीटर के वकील एस शिवदे ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने मेडिकल आधार पर कोर्ट से जमानत मांगी है। हाल ही में मेरे मुवक्किल के हृदय की बायपास सर्जरी हुई है। इस सर्जरी के बाद उन्हें जेल में रखना मुखर्जी के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। मुखर्जी को फिलहाल आर्थर रोड जेल में रखा गया है। 

नए नोट पहचानने में सामान्य व्यक्ति को भी होती है मुश्किल
बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि नए नोटों को तुरंत पहचानना नेत्रहीनों ही नहीं सामान्य व्यक्ति के लिए भी मुश्किल है। हाईकोर्ट ने नेशनल एसोसिएशन फार ब्लाइंड (नैब) की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। याचिका में दावा किया गया है कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया की ओर से जारी किए गए नए नोटों व सिक्कों को पहचानने में दिक्कत आ रही है। 

मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व जस्टिस एनएम जामदार की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि हमारे नोटों व सिक्को को पहचानना नेत्रहीनों के लिए ही नहीं पूरी तरह सक्षम व्यक्ति के लिए भी मुश्किल भरा है। इससे पहले खंडपीठ को रिजर्व बैंक इंडिया की ओर से नेत्रहीनों के लिए तैयार किए जा रहे मोबाइल ऐप की जानकारी दी गई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुंजकर ने कहा कि अभी भी मोबाइल ऐप में सुधार करने की जरुरत है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि आरबीआई मोबाइल ऐप को नेत्रहीनों के अनुकूल बनाए ताकी वे असानी से ऐप की मदद से नोटो व सिक्कों को पहचान सके। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 4 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

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