अर्णब और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के खिलाफ 6 जनवरी तक नहीं होगी कार्रवाई

अर्णब और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के खिलाफ 6 जनवरी तक नहीं होगी कार्रवाई

Tejinder Singh
Update: 2020-12-16 13:35 GMT
अर्णब और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के खिलाफ 6 जनवरी तक नहीं होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) मामले में पत्रकार अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के खिलाफ 6 जनवरी 2021 तक पुलिस कोर्ई कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। बुधवार को राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट को यह आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान अपना जवाब देगी। हाईकोर्ट में रिपब्लिक टीवी को चलानेवाली एआरजी आउटलर प्राइवेट मीडिया लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान सिब्बल ने कहा कि 6 जनवरी तक एआरजी के मालिक व इससे संबिधित व्यक्तियों के खिलाफ टीआरपी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।  

याचिका में मुख्य रुप से मांग की गई है कि पुलिस को रिपब्लिक टीवी के कर्माचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका जाए। मंगलवार को इस मामले में गोस्वामी व चैनल के कर्मचारियों को एक दिन की राहत मिली थी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने प्रकरण को लेकर मुंबई पुलिस की ओर से दायर किए गए आरोपपत्र में खामियों को उजागर किया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस इस मामले में रिपब्लिक टीवी के चलाने वालों और मालिक सहित संबंधित व्यक्ति के नाम पर मनमाने तरीके से गिरफ्तारियां कर रही है। जो पूरी तरह अवैध है। 

बुधवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। इस दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि पुलिस इस मामले में अपनी जांच जारी रखेगी, लेकिन 6 जनवरी 2021 तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। 

टीआरपी मामले में आरोपी रिपब्लिक टीवी के सीईओ को कोर्ट ने दी जमानत

उधर मुंबई की स्थानीय अदालत ने टीआरपी मामले में आरोपी  रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विकास खानचंदनी को जमानत प्रदान की है। खानचंदनी को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अंतर्गत आनेवाले क्राइम इंटेलिजेंस युनिट ने इस मामले में रविवार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट ने पहले पुलिस हिरासत में भेजा था इसके बाद उसे मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। बुधवार को कोर्ट ने आरोपी के जमानत पर सुनवाई के बाद उसे 50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी। आरोपी की ओर से अधिवक्ता नितिन प्रधान ने पक्ष रखा। 
 

Tags:    

Similar News